एसीएफ को मिली ‘बेस्ट प्रोजेक्ट इम्प्लीमेंटेशन एजेंसी’ की मान्यता

देश मुंबई
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मुंबई। अंबुजा सीमेंट फाउंडेशन (एसीएफ) को नाबार्ड द्वारा ‘बेस्ट प्रोजेक्ट इम्प्लीमेंटेशन एजेंसी’ से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार दारलाघाट के आसपास के क्षेत्रों में वाटरशेड विकास परियोजनाओं में एसीएफ के काम के लिए दिया गया है। इस पुरस्कार समारोह का आयोजन फरवरी में नाबार्ड द्वारा हिमाचल प्रदेश में स्टेट क्रेडिट सेमिनार 2022-23 के दौरान किया गया था।

इन क्षेत्रों में पानी की कमी बहुत बड़ी चुनौती के रूप में खड़ी थी। ऐसे में एसीएफ ने निर्धारित किया कि एक वाटरशेड विकास परियोजना ही सबसे प्रभावी समाधान होगा। इसके माध्यम से ही इस क्षेत्र में मिट्टी के कटाव, हरित आवरण के उन्मूलन और कृषि उपज में कमी के मुद्दों को दूर किया जा सकेगा। फाउंडेशन ने पानी से संबंधित मुश्किलों के समाधान के लिए नाबार्ड से संपर्क किया। रिज-टू-वैली दृष्टिकोण का उपयोग करते हुए भूमि और उपलब्ध पानी के उचित प्रबंधन की समस्या को दूर करने की दिशा में काम किया।

इंडिया होल्सिम के सीईओ और अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड के एमडी एवं सीईओ नीरज अखौरी ने कहा, ‘सामाजिक रूप से जिम्मेदार संगठन के रूप में हमने हमेशा ही वंचित समुदायों का विकास और प्रगति पर पूरा फोकस किया है। यह पहलू हमेशा हमारी फिलॉस्फी का हिस्सा रहा है। हमारा लक्ष्य इन समुदायों के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए भागीदारी के माध्यम से क्षेत्र में पानी की कमी की समस्या से निपटना है। नाबार्ड द्वारा हमें दी गई यह मान्यता समुदायों के लिए सस्टेनेबल सॉल्यूशंस तैयार करने और भविष्य की सर्कुलर इकोनॉमी में योगदान करने की हमारी प्रतिबद्धता को और मजबूत करेगी।’

एसीएफ ने वाटरशेड समितियों के माध्यम से पहले लोगों के बीच जागरुकता पैदा की। फिर सामुदायिक तौर पर सामूहिक कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद वाटरशेड परियोजना क्षेत्रों में मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए खेत में बांध, तालाब, जल भंडारण टैंक और गेबियन संरचनाओं का निर्माण किया। इससे ना सिर्फ जल स्तर में वृद्धि हुई, बल्कि डेयरी फार्मिंग के लिए हरित आवरण और चारे में भी वृद्धि हुई।

इसके अलावा, विभिन्न जल प्रबंधन प्रयासों और सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से नाबार्ड के निकट सहयोग से लगभग 5,874 हेक्टेयर भूमि का उपचार किया जा रहा है।

राज्य सरकार ने कार्यान्वित रणनीतियों के लिए एसीएफ को सम्मानित किया, जिसके कारण राज्य में कुल 11 वाटरशेड बने। यह पुरस्कार हिमाचल प्रदेश के कृषि और पशुपालन मंत्री राज्‍य मंत्री वीरेंद्र कंवर ने प्रदान किया। इस समारोह में हिमाचल प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव, वित्त और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, जीएम आरबीआई हिमाचल प्रदेश, और नाबार्ड के अन्य अधिकारी भी शामिल हुए।