
नई दिल्ली। हिंदी भाषा बोलने वाले और भारत के लिए आज बेहद खास दिन है। 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। हिंदी भाषा विश्व में अधिकतम जनसंख्या द्वारा बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। भारत के अतिरिक्त हिंदी भाषा नेपाल, मॉरीशस, गुयाना, सूरीनाम, त्रिनिदाद और टोबैगो और फिजी जैसे अन्य देशों में भी बोली जाती है। पहली बार विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी 1975 में नागपुर, महाराष्ट्र में आयोजित किया गया था। तब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इसकी अगुवाई की थी। उस वक्त मॉरिशस, यूनाइटेड किंगडम, त्रिनिदाद और टोबैगो में भी विश्व हिंदी का सम्मेलन किया गया था।
इसे मनाने का उद्देश्य हिंदी भाषा के प्रति जागरूकता को बढ़ाना है। तब से हर साल इसे इसी तारीख पर इसे मनाया जाता है। इस मौके पर कई देशों में हिंदी से जुड़ी प्रतियोगिताएं होती हैं। विश्व हिंदी दिवस, राष्ट्रीय हिंदी दिवस दोनों ही दिवसों का उद्देश्य हिंदी भाषा का प्रचार और प्रसार है। इस बहाने दुनिया भर के लोगों को हिंदी की ओर आकर्षित करने की कोशिश की जाती है। मौजूदा दौर में निश्चित तौर पर हिंदी का रुतबा बढ़ा है। वैश्विक स्तर पर भी इसे जाना पहचाना जाने लगा है, लेकिन एक सच्चाई यह भी है कि हिंदी को अपने ही घर में उपेक्षा झेलनी पड़ती है।