- झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की निदेशक ने जारी किया निर्देश
रांची। झारखंड में कोरोना के बढ़ते प्रभाव को लेकर स्कूल, कॉलेज सहित शैक्षणिक संस्थानें बंद कर दी गई है। ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखने का निर्देश दिया गया है। ऑनलाईन शैक्षणिक कार्यक्रम के सुचारू रूप से संचालन को लेकर शिक्षकों को नया टास्क दिया गया है। इस बाबत झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की निदेशक 11 जनवरी को निर्देश जारी किया है। निदेशक ने सभी क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशक, जिला शिक्षा पदाधिकारी-सह-जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक-सह-अपर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को इस बाबत पत्र लिखा है।
ऑनलाइन शिक्षा विकल्प
निदेशक ने आदेश में कहा है कि वर्तमान में कोविड-19 के कारण पुनः कक्षा 6 से 12 के विद्यालयों को विद्यार्थियों की सुरक्षा को दृष्टिपथ में रखते हुए बंद किया गया है। हम सभी अवगत है कि आगामी माह में विद्यार्थियों की वार्षिक परीक्षा संभावित है। जिसमें मुख्य रूप से जैक द्वारा ली जाने वाली 8वीं, मैट्रिक एवं इंटर की परीक्षा शामिल है। इसके अतिरिक्त कक्षा 1 से 7 और 9 एवं 11 की परीक्षा भी ली जानी है, ताकि विद्यार्थियों का नामांकन अगली कक्षाओं में हो सके। इस परिस्थिति में वर्तमान ऑनलाईन शिक्षा ही एक मात्र विकल्प है। इसके माध्यम से विद्यार्थियों को विशेषकर 8वी, मैट्रिक तथा इंटर की परीक्षा के लिए जरूरी तैयारी करा सकते हैं। उनके आत्मविश्वास को बढ़ा सकते है।
नवाचार की जरूरत
निदेशक ने लिखा है कि कोविड-19 के दौरान राज्य, जिला एवं विद्यालय स्तर पर ऑनलाईन शिक्षा के लिए कई नवाचार पूर्व में भी किये गये हैं। आज पुनः इसकी जरूरत देखी जा रही है। पूर्व के वर्षों में माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों द्वारा ऑनलाईन कक्षा का संचालन शिक्षकों के सहयोग से विद्यालय स्तर पर किया गया है। इसके बेहतर परिणाम भी प्राप्त हुये है। आज पुनः ऑनलाईन वर्गकक्ष का संचालन विद्यालय स्तर पर करना अनिवार्य प्रतीत हो रहा है। इस क्रम में जिला को सुझाव दिये जा रहे है, ताकि विद्यार्थियों के पठन-पाठन की निरंतरता को बनाये रख सके। आगामी परीक्षाओं के लिए उन्हें सक्षम बना सके।
ये है निर्देश
1. राज्य स्तर से प्रत्येक सोमवार से शुक्रवार Digi-SATH, Whatsapp समूह के माध्यम से कक्षा 01 से 12 की पठन सामग्री उपलब्ध करायी जा रही है। यदि कोई शिक्षक अभी भी Digi-SATH समूह में नहीं जुड़े हैं तो उनकी पहचान करते हुये समूह से जोड़ना।
2. यदि कोई विद्यालय अभी भी Digi-SATH का समूह विद्यार्थियों के लिए नहीं बनाये हैं तो उनकी पहचान करते हुये समूह बनाना।
3. यदि कोई शिक्षक अभी भी Digi-SATH समूह में विद्यार्थियों को digital content नहीं भेज रहे हैं तो उनकी पहचान करते हुये समूह में digital content का प्रेषण सुनिश्चित करना।
4. बीआरपी/ सीआरपी द्वारा प्रत्येक दिन 10 से 15 शिक्षकों से संवाद करना। शिक्षकों द्वारा कम से कम 10 विद्यार्थी/अभिभावकों से संवाद करने के लिए प्रेरित करना।
5. समय-समय पर जिला एवं प्रखंडस्तरीय पदाधिकारी/कर्मियों के साथ ऑनलाईन संवाद करते हुए कार्य को गति प्रदान करना।
6. कार्यक्रम में संलग्न बेहतर शिक्षक और कर्मियों की पहचान करते हुए उसकी कार्य विवरणी Certificate of Appreciation के लिए अनुशंसा के साथ समर्पित करना।
7. सामुदायिक जागरुकता एवं सहभागिता सुनिश्चित करना।
8. विद्यार्थियों के लिए digital content की व्यवस्था और उसका प्रसारण।
9. कोविड-19 के बचाव इत्यादि से संबंधित संदेशों का प्रसारण इत्यादि।
10. सभी कार्य जिला एवं प्रखंडस्तरीय कार्यालय के साथ समन्वय स्थापित करते हुए क्रियान्वित की जाये।
11. माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों द्वारा दैनिक रूटीन बनाते हुए ऑनलाईन कक्षा का संचालन सुनिश्चित करना।
12. 100 दिवसीय पठन अभियान के लिए साप्ताहिक कार्ययोजना के आधार पर कार्य करना।
13. परीक्षा पे चर्चा में भाग लेने के लिए कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थी, शिक्षक एवं अभिभावकों को ऑनलाईन प्रतियोगिता के लिए प्रेरित करना।
14. विशेष नवाचार को राज्यस्तर पर साझा करना, ताकि अन्य जिलों में भी लागू की जा सके।
15. सभी कार्य आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा कोविङ-19 प्रोटोकॉल के जारी दिशा निर्देश के आलोक में सुनिश्चित की जाये।
16. जिला स्तर पर कार्यरत विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों और पीरामल फाउंडेशन से आवश्यक समन्वय स्थापित करते हुये कार्य को गति प्रदान की जाये।