प्रतिरोध दिवस के बीच माओवादी कमांडर महाराज प्रमाणिक ने किया सरेंडर

झारखंड
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रांची। भाकपा माओवादी के प्रतिरोध दिवस और बंद के आह्वान के बीच संगठन के दक्षिणी छोटानागपुर जोनल कमेटी के कमांडर महाराज प्रमाणिक ने सरेंडर कर दिया है। संगठन में प्रभार दिए जाने को लेकर उभरे विवाद के बीच उसने यह निर्णय लिया। वह 10 लाख रुपए का इनामी और झारखंड पुलिस का वांटेड नक्सली था।

जानकारी हो कि माओवादियों ने ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो के प्रमुख प्रशांत बोस और उनकी पत्नी शीला मरांडी की गिरफ्तारी के विरोध में 27 जनवरी को बिहार-झारखंड बंद का आह्वान किया है। संगठन की बिहार-झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी ने कहा कि कर 21 से 26 जनवरी तक प्रतिरोध दिवस मनाने का निर्णय लिया है।

प्रतिरोधा दिवस के पहले दिन 21 जनवरी को भाकपा माओवादियों के दक्षिणी छोटानागपुर जोनल कमेटी के कमांडर महाराज प्रमाणिक ने झारखंड पुलिस के सामने आत्‍मसमर्पण कर दिया। प्रमाणिक काफी दिनों से झारखंड पुलिस के संपर्क में था।

आईजी अभियान एवी होमकर, आईजी रांची पंकज कंबोज और डीआईजी एसटीएफ अनूप बिरथरे के सामने आधिकारिक रूप से  महाराज प्रामाणिक ने एके-47 के साथ सरेंडर किया है।

बताया जाता है कि भाकपा माओवादी संगठन में पतिराम मांझी को सेंट्रल कमेटी बनाकर सारंडा इलाके का प्रभार दिया गया है। इससे माओवादी संगठन में आदिवासी नेताओं के बीच नाराजगी उत्पन्न हो गयी थी। इसके बाद महाराज ने संगठन का साथ छोड़ दिया था। पुलिस मुख्यालय की तरफ से उसे सुरक्षा भी उपलब्ध कराई गयी थी।