गुमला। गुमला से 30 किमी दूर सिसई प्रखंड के नगर गांव स्थित प्राचीन धरोहर नवरत्नगढ़ की खुदाई जारी है। इस दौरान खुदाई से जमीन के अंदर एक और खुफिया भवन मिला है। 15 दिन पहले एक खुफिया भवन मिला था। उसी भवन में दोबारा खुदाई की गई, तो सुरंग की तरह एक और रास्ता मिला। उस रास्ते को खोदा गया, तो अंदर एक खुफिया भवन मिला। इस खुफिया भवन के दरवाजे व खिड़कियों की नक्काशी प्राचीनकालीन है। खुदाई से परत-दर-परत कई रहस्यों से पर्दा उठ रहा है।
पुरातत्व विभाग रांची के विशेषज्ञों की देखरेख में खुदाई की जा रही है। खुदाई के बाद जमीन के अंदर मिले खुफिया भवन के बाद यहां की सुरक्षा बढ़ा दी गई है, ताकि खुदाई में किसी प्रकार की परेशानी और खलल नहीं पड़े। हालांकि खुदाई से लगातार मिल रहे खुफिया भवन से अभी और रहस्यों से पर्दा उठने की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि जमीन के अंदर मिल रहे खुफिया भवन बाहरी आक्रमणों से बचने के लिए बनाया गया होगा। नवरत्न गढ़, जिसे डोइसागढ़ भी कहते हैं, यह विश्व धरोहर है। आज इसका नाम वल्र्ड हेरिटेज में शामिल है।
डोइसागढ़, नवरत्नगढ़, रानी लुकई, कमल सरोवर, कपिलनाथ मंदिर, भैरव मंदिर यह छोटानागपुर के नागवंशी राजाओं की धरोहर है। मुगल सम्राज्य के आक्रमण से बचने के लिए राजा दुर्जनशाल ने नगर को राजधानी बनाई थी और नवरत्नगढ़ की स्थापना की थी। डोइसागढ़ आज नगर गांव के नाम से जाना जाता है।
यहां पांच मंजिला वर्गाकार इमारत, 33 इंच मोटी दीवार, रानी वास, कचहरी घर, कमल सरोवर, रानी लुकईयर का भुलभुलैया, गुप्त कमरा, गुबंद का भीतरी भाग में पशु चित्र, घोड़ा, सिंहों से उत्कीर्ण परिपूर्ण आकृति है। वहीं चारों कोनों पर शीर्ष गुंबदनुमा स्तंभों पर बड़े बड़े नाग लिपटे, जग्न्नाथ मंदिर, भैरव मंदिर, कपिलनाथ मंदिर, मंदिर के गर्भगृह में बड़े आकार की मूर्ति, धोबी मठ है।