पटना। बिहार विधान परिषद की 24 सीटों पर चुनाव होनी है। इसके लिए जोड़-तोड़ की राजनीति तेज हो गई है। राजद और कांग्रेस के बीच अभी बात बनी भी नहीं थी कि लालू के बड़े लाल की एक नई मांग से राजद परिवार में ‘पावर’ के लिए चल रही उठा पटक की पूरी कहानी को सबके सामने ला दिया है। तेजप्रताप की पार्टी छात्र जनशक्ति परिषद ने विधान परिषद में राजद से छह सीटें मांगी हैं।
पार्टी प्रवक्ता ने स्पष्ट कहा है कि शर्त मानने पर ही आरजेडी को समर्थन करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि विधानसभा उप चुनाव में श्रीकृष्ण के बिना जीत संभव नहीं है। दरअसल तेज प्रताप यादव के संगठन छात्र जनशक्ति परिषद की ओर से दो बड़े बयान सामने आए। एक बिहार विधान परिषद में छह सीट और दूसरी जेडीयू की से ओर तेज प्रताप यादव को बिहार का उप मुख्यमंत्री बनने का ऑफर मिलना।
तेजप्रताप के प्रवक्ता ने अपने बयान में यह भी स्पष्ट कर दिया कि अपने सिद्धांतों के कारण वे इसे नहीं मान रहे हैं। छात्र जनशक्ति परिषद के बिहार प्रदेश के अध्यक्ष प्रशांत प्रताप यादव ने पत्रकारों से बात करते हुए ये दोनों बातें कहीं। राजनीतिक पंडित इस बयान का अपने-अपने स्तर से विश्लेषण कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस बयान से साफ है कि तेजप्रताप यादव और जदयू के बीच राजनीतिक रिश्ते में अब वो खटास नहीं है जो पहले हुआ करता था। दोनों के रिश्ते तेजी से मजबूत हो रहे हैं।
तेजप्रताप ने अपने प्रवक्ता के माध्यम से इसकी जानकारी अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव और अपने पिता लालू प्रसाद को दे दी है। उप मुख्यमंत्री बनने के ऑफर की बात कर तेजप्रताप ने एक तरह से दोनों को यह बताने का भी प्रयास किया है कि अभी सिद्धांतों के कारण उनके ऑफर को नहीं स्वीकार किया है। लेकिन उनकी बातें नहीं मानी गईं, तो वह बड़ा फैसला ले सकते हैं।