नई दिल्ली। पंजाब के भठिंडा से फिरोजपुर जाते वक्त प्रधानमंत्री की सुरक्षा में कथित चूक के मामले में केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट में आज तगड़ी लताड़ खानी पड़ी. सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस जस्टिस हिमा कोहली ने सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा है कि अगर केंद्र सरकार ने सब तय कर दिया है तो हमारे सामने क्यों है?
इस पर एसजी तुषार मेहता ने कहा है कि कोर्ट के सामने याचिकाकर्ता आया है. इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने पूछा कि याचिकाकर्ता और पंजाब सरकार निष्पक्ष जांच चाहते हैं. आप इसके आड़े क्यों आना चाह रहे हैं? इसपर एसजी तुषार मेहता ने कहा कि हमारा कारण बताओ नोटिस नियमों के मुताबिक भेजा गया है. CJI एनवी रमण ने कहा है कि अगर आप अनुशानात्मक कार्रवाई करना चाहते हैं तो कोर्ट की तरफ से जांच कमेटी बनाने का क्या औचित्य होगा? कमेटी क्या काम करेगी?
इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि कोर्ट हमारी रिपोर्ट की समीक्षा करे. चीफ जस्टिस ने पूछा कि फिर तो पंजाब की कमेटी को भी काम करने देते हैं? मेहता ने कहा कि पंजाब की कमेटी में दिक्कतें हैं. चीफ जस्टिस ने कहा कि सवाल ये है कि जिस तरह की जांच हो. क्या किसी को सजा देने के लिए हो. अगर ऐसा है तो इसमें कोर्ट का क्या काम है. मान लीजिए की किसी को जिम्मेदार मान लिया गया जांच में तो इसमें हम क्या करेंगे. ये पीएम की सिक्योरिटी का मामला है. ऐसे नहीं कि हम हल्के में ले रहे हैं. कृपया इस धारणा के तहत न रहें कि हम इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं.