पलामू पुलिस की अनूठी पहल : दस्ता छोड़ लड़कियां उठाएंगी स्कूल का बस्ता

झारखंड देश
Spread the love

पलामू।  दो लड़कियां स्कूल छोड़ भाग गई थीं और नक्सली दस्ते में शामिल हो गई थीं। आज पलामू पुलिस की पहल से दोनों लड़कियां नक्सलवाद का रास्ता छोड़ समाज की मुख्यधारा में लौट रही हैं। ये दोनों एक बार फिर स्कूल में पढ़ने के लिए जाएंगी। झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण नीति के पलामू पुलिस की पहल रंग लायी है। इसमें नक्सली बनी लड़कियां स्कूल जाएंगी।

पलामू पुलिस बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे को बुलंद कर रही है। स्कूल छोड़ चुकीं दो महिला नक्सली पलामू पुलिस की पहल पर एक बार फिर से मुख्यधारा में लौटेंगी। वर्ष 2018 में पलामू के छतरपुर थाना क्षेत्र में सुरक्षाबल और माओवादियों के बीच लगातार दो बार मुठभेड़ हुई थी।

इस मुठभेड़ में टॉप कमांडर्स के साथ-साथ दो महिला नक्सली मारी गई थीं, जबकि एक जख्मी हुई थी और दो गिरफ्तार हुई थी। दोनों नक्सली नाबालिग थी और नौडीहा बाजार थाना क्षेत्र के पाल्हे तुरकुन की रहने वाली थीं। दोनों को पलामू पुलिस ने पहल करते हुए कस्तूरबा गांधी आवासीय स्कूल में नामांकन करवाया था। लेकिन दोनों होली की छुट्टी में अपने गांव गई लेकिन वह दोनों दोबारा स्कूल नहीं लौटीं।

पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि पुलिस को पूरी जानकारी मिली है दोनों लड़कियों के पास पुलिस पहुंचकर बातचीत की है। उन्होंने बताया कि पुलिस दोनों की पढ़ाई को लेकर पहल कर रही है। दोनों को एक बार फिर से स्कूल भेजा जाएगा। पाल्हे और तुरकून गांव की आधा दर्जन लड़कियां माओवादियों के दस्ते में शामिल हो गई थीं। पाल्हे की एक और तुरकुन गांव की पांच लड़कियां थीं।

उस मुठभेड़ में मारी गई एक महिला नक्सली रिंकी की मां बताती हैं कि उनकी बेटी लकड़ी चुनने जंगल गई थी और अचानक नक्सली दस्ते में शामिल हो गई। ग्रामीणों ने रिंकी की मां को बताया कि वह दस्ते के साथ गई है। काफी दिनों वह लौटी, तो उसने बताया था कि अब वह दस्ते में नहीं रहना चाहती थी, बहुत पैदल चलना पड़ता है।