नई पहल के साथ इंटरनेशनल माउंटेन डे मनाने को तैयार टीएसएएफ

झारखंड
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  • महिला प्रतिभागियों को बायोडिग्रेडेबल सैनिटरी पैड प्रदान कर मनायेगा यह दिवस

जमशेदपुर। टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन (टीएसएएफ) अपने आउटडोर कोर्स और अभियानों में सभी महिला प्रतिभागियों को बायोडिग्रेडेबल सैनिटरी पैड प्रदान करने की  पर्यावरण-स्नेही पहल करने वाला भारत का पहला आउटडोर संस्थान बन गया है। टीएसएएफ शून्य अपशिष्ट शिविर और ट्रेल्स पर इसके प्रभाव को कम करने लक्ष्य को लेकर चल रहा है। टीएसएएफ की यह नयी पहल इंटरेनेशनल माउंटेन डे यानी अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस 2021 के ’सतत पर्वतीय पर्यटन’ को बढ़ावा देने के थीम के साथ प्रतिध्वनित होती है। टीएसएफ के सभी शिविर और इसकी सभी गतिविधियां शून्य अपशिष्ट सिद्धांत का पालन करते हैं, जिसके तहत अभियान या कोर्स के दौरान उत्पन्न सभी कचरे को या तो निपटा दिया जाता है या पुनः उपयोग किया जाता है या फिर उन्हें रिसाइकिल किया जाता है।

इस पहल पर टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन की मेंटर बछेंद्री पाल ने कहा, ‘बायोडिग्रेडेबल सैनिटरी पैड पेश करने की टीएसएएफ की नयी पहल सस्टेनेबल माउंटेन टूरिज्म और महिला स्वच्छता की दिशा में एक स्वागत योग्य कदम है। हमारा उद्देश्य दुनिया के एक सबसे खूबसूरत पर्वतारोहण स्थल की रक्षा और संरक्षण करना है। अभियान के दौरान सैनिटरी नैपकिन को अक्सर तालाबों, नदियों और झीलों में फेंक दिया जाता है। इस प्रकार जल निकायों को दूषित कर दिया जाता है या खुले में फेंक दिया जाता है, जो बदले में मिट्टी को प्रदूषित करता है। वन्यजीवों को खतरे में डालता है। बायोडिग्रेडेबल सैनिटरी पैड की एक परंपरा की शुरुआत करने से ग्रुप ट्रेल्स और अभियानों के दौरान शून्य अपशिष्ट शिविर का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए टीएसएएफ की महिला प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी।‘

हर साल हिमालय दुनिया भर से लगभग सात लाख पर्यटकों को आकर्षित करता है। पर्यटन में वृद्धि ने मिश्रित अपशिष्ट प्रबंधन की बढ़ती चिंता को जन्म दिया है, जिसमें प्लास्टिक एक मुख्य घटक है। यह न केवल सुरम्य पहाड़ी परिदृश्य को खराब करता है, बल्कि भूमि क्षरण, वायु प्रदूषण और अस्थिर पहाड़ी ढलान आदि जैसी समस्याओं को भी जन्म दे सकता है। टीएसएएफ अपने विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से बी-स्कूलों, निगमों और व्यक्तिगत पर्यटकों के 5000 से अधिक प्रतिभागियों को अपने अभियान में शामिल करता है। यहां महत्वपूर्ण यह है इनमें 15 से 20 प्रतिशत सदस्य महिलाएं होती हैं। फाउंडेशन का उद्देश्य निःशुल्क बायो जैविक बायोडिग्रेडेबल सैनिटरी पैड प्रदान कर सैनिटरी पैड के अपशिष्टों के कारण पर्यावरण को होने वाले नुकसान को रोकना है।

अब तक, टीएसएएफ ने अभियानों के दौरान एकत्र किए गए कचरे को अलग करने और उन्हें आगे की रीसाइक्लिंग के लिए दिल्ली या देहरादून में स्थित विभिन्न इकाइयों में भेजने के लिए कई सफाई अभियान चलाये हैं। हालांकि, टीमों के सामने सबसे बड़ी चुनौती इस्तेमाल किये गये सैनिटरी पैड हैं, जिन्हें या तो जला दिया जाता है या जमीन में दफन कर दिया जाता है, जो बदले में वन्यजीवों को खतरे में डालते हैं या कार्बन डायऑक्साइड उत्सर्जन को बढ़ाते हैं। इस समस्या के समाधान के लिए टीएसएएफ ने जैविक बायोडिग्रेडेबल सैनिटरी पैड पेश करने का फैसला किया, जो जमीन के नीचे दबने पर स्वाभाविक रूप से विघटित हो जाएगा। इसके अलावा, यह पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देगा, वन्यजीवों की रक्षा करेगा और प्रतिभागियों में व्यवहार परिवर्तन लाने में मदद करेगा।