जमशेदपुर। टाटा स्टील ने अपने ठेका कामगार और उनकी पत्नियों के लिए ‘घर से घर तक’ नामक एक समग्र सुरक्षा पहल का शुभारंभ किया। इसमें घरेलू सुरक्षा, शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य, घर पर खुशहाली, तनाव-प्रबंधन, सुरक्षित ड्राइविंग के लिए टिप्स और व्यवहारजन्य सुरक्षा आदि जैसे विषय शामिल हैं।
टाटा स्टील अपने साथ काम करने वाले और अंततः समाज के लोगों के लिए ‘शून्य नुकसान’ के प्रति कटिबद्ध है। इसका अर्थ है स्वास्थ्य व सुरक्षा उत्कृष्टता के उच्चतम मानकों के प्रति व्यक्तिगत वचनबद्धता। कंपनी यह मानती है कि ठेका कामगार प्लांट के परिचालन और रखरखाव में अहम भूमिका निभाते हैं।
वाइस प्रेसिडेंट (सेफ्टी, हेल्थ ऐंड सस्टेनेबिलिटी) संजीव पॉल मुख्य अतिथि थे। वाइस प्रेसिडेंट (शेयर्ड सर्विसेज) प्रोबाल घोष गेस्ट ऑफ ऑनर थे। चीफ (सेफ्टी) नीरज कुमार सिन्हा समेत विभिन्न वेंडर पार्टनर और उनके कामगार ने सपत्नीक इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
नीरज कुमार सिन्हा ने संदर्भ स्थापित करते हुए इसके उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने टाटा स्टील के ‘शून्य नुकसान’ लक्ष्य को हासिल करने के लिए घर और कार्यस्थल दोनों जगहों पर व्यवहार में बदलाव की आवश्यकता को रेखांकित किया।
संजीव पॉल ने टाटा स्टील के पिछले 15 साल की सुरक्षा उत्कृष्टता यात्रा के बारे में बताया। प्रतिभागियों के साथ बातचीत करते हुए पॉल ने प्रत्येक सुरक्षित कर्मी के पीछे सुरक्षा को लेकर जागरूक गृहणियों को देखकर प्रसन्नता व्यक्त की। उनकी भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह प्रोग्राम निश्चित रूप से ‘शून्य नुकसान’ के लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेगा।
प्रोबाल घोष ने कार्यस्थल की स्थिति और सुरक्षा को बेहतर बनाने में विभिन्न एपेक्स कमिटियों द्वारा निरंतर किये जा रहे प्रयासों को रेखांकित किया। उन्होंने ‘चोट-मुक्त, घटना-मुक्त’ कार्यस्थल के लिए हमारी यात्रा में वेंडर पार्टनरों के प्रयासों की सराहना की। घर पर तनाव-मुक्त वातावरण के महत्व पर बल दिया, जो कार्यस्थल पर एक स्वस्थ-सुरक्षित कामगार का आधार होता है।
इस इंटरएक्टिव कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों ने इस पहल को बेहद सकारात्मक और उत्साहजनक बताया। कार्यक्रम के दौरान घरेलू सुरक्षा प्रशिक्षण के अलावा, सुरक्षा पर दो वीडियो दिखाये गये, जिसमें घरेलू सुरक्षा और तनाव प्रबंधन के महत्व को बखूबी वर्णित किया गया था।