
रांची। जनता को पहले अपने काम के लिए मुख्यालय तक का चक्कर लगाना पड़ता था। सरकार जिला और प्रखंड मुख्यालय से काम करती थी। सरकारी महकमे को राज्य मुख्यालय से उठाकर गांव, पंचायत और लोगों के दरवाजे तक पहुंचाया। अब मिनटों में राशन और पेंशन कार्ड बन रहे हैं। लोगों का हक और अधिकार उनके हाथों में देने का अपना अलग आनंद है।
यह बात मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी सरकार की दूसरी वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर कही। उन्होंने पूरे दो वर्ष के कार्यकाल और भविष्य की योजनाओं पर भी बात की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका मानना है कि शासन कभी निठल्ला नहीं होता, शासक निठल्ले होते हैं। जब शासक गांव जाने लगा, तो शासन भी गया। मुख्यमंत्री ने अपने दो वर्ष के शासनकाल के दौरान अंतिम व्यक्ति तक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने को सबसे बड़ा काम बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 के बाद पैदा हुआ डर, भय और अशांति का डरावना माहौल खत्म हो गया है। सरकार चौकन्ना रहकर निर्णय लेती है। लोगों के दर्द और तकलीफ का समाधान करना है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि अगले वर्ष सरकार डिजिटल स्किल यूनिवर्सिटी बनाएगी। इससे हर क्षेत्र के नौजवानों को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेरोजगारी भत्ता मिल रहा है, पर राशि काम है। इसके लिए ठोस नीति बनाई जा रही है। जल्द ही सबके सामने होगा।