
खूंटी। लखनऊ स्थित राष्ट्रीय बैंक स्टाफ कॉलेज के संकाय सदस्य और देश भारत के विभिन्न नाबार्ड क्षेत्रीय कार्यालय के 24 प्रतिभागियों ने नाबार्ड द्वारा खूंटी जिले का भ्रमण किया। यहां संचालित WDF और TDF परियोजना के कार्यान्वयन की स्थिति को जाना। लाभुकों से बातचीत की।
खूंटी के तोरपा प्रखंड में नाबार्ड द्वारा संचालित TDF परियोजना वर्ष 2015 में स्वीकृत किया गया था। इसमें 900 आदिवासी किसानों को आम, अमरूद एवं मेढ़ बंदी के पौधों के लिए सहायता BAIF संस्था के माध्यम से दी गई थी। कर्रा प्रखंड में वर्ष 2020 में 450 आदिवासी किसानों के लिए वाड़ी परियोजना अंतर्गत सहयोग नाबार्ड द्वारा दिया जा रहा है। इस सहयोग से आदिवासी किसानों की आय एवं सामाजिक स्थिति में परिवर्तन आया है।
खूंटी जिले के मुरहू प्रखंड में नाबार्ड द्वारा वर्ष 2015 में जलछाजन विकास परियोजना चलाई जा रही है। इसके अंतर्गत WOTR संस्था के माध्यम से इस योजना का कार्यान्वयन किया गया। वर्ष 2019 में इस योजना को आगे बढ़ते हुए मृदा संरक्षण के लिए KfW प्रोजेक्ट की सहायता दी गई।
नाबार्ड के उपमहाप्रबंधक सह संकाय सदस्य (एनबीएससी) विवेक पठानिया ने प्रतिभागियों को परियोजना की बारीकियों को विस्तार से बताया। उपमहाप्रबंधक प्रभात केशव ने दोनों परियोजना के कार्यान्वयन की प्रशंसा की।
खूंटी के जिला विकास प्रबंधक रवि शंकर ने योजना के लाभुकों को स्व-रोजगार/उद्यमिता के लिए प्रेरित किया। मौके पर WOTR से सुजया डांगवार एवं BAIF से संजीत कुमार सिन्हा, कमलेश कुमार मिश्रा भी उपस्थित थे।