- रबी कर्मशाला में कई विषयों पर हुई चर्चा
रांची। झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि अधिकारी नए किसानों को योजना का लाभ दें। अभी महज दो से तीन प्रतिशत किसान ही योजनाओं का लाभ ले रहे हैं। अगले बजट में हर विधायक से एक मॉडल गांव बनाने का प्रस्ताव मांगा जाएगा। उन्होंने कृषि क्षेत्र में आए पढ़े लिखे युवाओं के लिए स्मार्ट फार्मिंग के बारे में भी बताने की बात कही। वह 23 दिसंबर को रांची के रामकृष्ण मिशन सभागार में रबी कर्मशाला में बोल रहे थे। इसका आयोजन कृषि निदेशालय ने किया था।
सहयोग से लक्ष्य प्राप्त होगा
कृषि मंत्री ने कहा कि इस वर्ष रबी मौसम में 81 सौ हेक्टेयर अधिक खेती का लक्ष्य रखा गया है। सभी लोग मिलकर काम करेंग, तभी लक्ष्य पूरा होगा। निचले स्तर पर सहयोग नहीं मिलने के कारण टारगेट पूरा नहीं हो पा रहा है। सरकार किसान को बाजार भी दे रही है। अब तक 1331.87 करोड़ रुपए का 3.34 लाख किसानों का लोन माफ किया गया है। कोरोना काल में सरकार किसानों का गारंटर बनी। उन्होंने कहा कि विकास में अपना पराया नहीं होना चाहिए। अधिकारी दूसरे और तीसरे लाइन का किसान भी तैयार करें। टपक सिंचाई योजना का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए सहयोग देने की बात कही।
जनसेवक कृषि का कार्य करें
कृषि सचिव अबू बकर सिद्दीख पी ने कहा कि हर दिन नई तकनीक और बीज आ रहे हैं। इसके बारे में अपडेट करना जरूरी है। जनसेवक कृषि का कार्य छोड़ कर हर तरह का काम कर रहे हैं। किसानों तक कृषि की जानकारी पहुंचाने का वह सबसे बड़ा हथियार है। कई बार डीसी को पत्र भी लिखा गया है कि जनसेवा को कृषि का काम दिया जाए। उन्होंने कहा कि झारखंड कई मामले में राष्ट्रीय औसत से कम है।
रबी फसल से लाभ बढ़ेगा
बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ ओंकार सिंह ने कहा कि रबी फसल का आच्छादन बढ़ने से किसानों का लाभ बढ़ेगा। दलहनी और तिलहनी फसल को बढ़ावा देना जरूरी है। कृषि विकास में आई स्थिरता इससे आगे बढ़ेगी। गेहूं की खेती के लिए जीरो टिलेज का उपयोग करने की बात कही।
झारखंड को जैविक राज्य बनाएं
रामकृष्ण मिशन के सचिव स्वामी भावेशानंद ने कहा कि झारखंड को ऑर्गेनिक स्टेट बनाया जाना चाहिए। इससे जमीन की गुणवत्ता आएगी। टिकाऊ, बेहतर और गुणवत्ता वाली खेती होगी। किसान का दोस्त केचुआ है। जैविक खेती कर हम इसे बढ़ा सकते हैं। बिरसा ग्राम और बिरसा कृषि पाठशाला को उन्होंने बेहतर कदम बताया। उन्होंने कहा कि मिट्टी का स्वास्थ्य ठीक रहने पर पौधे और लोगों की सेहत भी ठीक रहेगी।
अधिकृत विक्रेता से भी बंटेगा बीज
कृषि निदेशक निशा उरांव ने कहा कि कृषि हमारी संस्कृति है। कोरोना काल में कृषि ने अर्थव्यवस्था को सपोर्ट किया। कर्मशाला में उपलब्धि के साथ-साथ कमी पर भी मंथन किया गया। उन्होंने कहा कि अब लैम्प्स और पैक्स के साथ अधिकृत विक्रेता के माध्यम से भी किसानों को बीज बांटा जाएगा। इससे अधिक से अधिक किसानों को लाभ होगा। रबी मौसम में अब तक 56,000 क्विंटल बीज का आर्डर दिया जा चुका है। इसमें से 36,000 क्विंटल बीज का उठाव हो चुका है। इस अवसर पर विभिन्न जिलों के जिला कृषि पदाधिकारी, किसान सहित अन्य मौजूद थे।