रांची। हाइस्कूल, प्लस टू विद्यालय नियुक्ति नियमावली के बाद अब शिक्षा मंत्री ने प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति नियमावली को भी स्वीकृति दे दी है। नियुक्ति के लिए सरकार परीक्षा लेगी। इसमें अभ्यर्थियों का राज्य से मैट्रिक और इंटर पास होना अनिवार्य किया गया है।
नियमावली को मंजूरी मिलने से राज्य में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) में सफल लगभग एक लाख अभ्यर्थियों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। नियमावली विधि, कार्मिक और वित्त विभाग को भेज दी गयी है। राज्य में प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में पिछली नियुक्ति वर्ष 2015-16 में हुई थी। इसके बाद शिक्षक नियुक्ति नियमावली में संशोधन की बात कही गई थी। इस कारण प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पा रही थी। नई नियमावली के अनुसार, राज्य में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) में सफल अभ्यर्थियों की प्राथमिक व मध्य विद्यालय में शिक्षक नियुक्ति के लिए परीक्षा ली जाएगी।

परीक्षा झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा ली जाएगी। शिक्षकों की नियुक्ति जिला रोस्टर के आधार पर होगी। अब हाइस्कूल व प्लस टू विद्यालय की तरह प्राथमिक व मध्य विद्यालय में भी शिक्षक नियुक्ति के लिए न्यूनतम कट ऑफ मार्क्स निर्धारित किया गया है। राज्य सरकार के निर्णय के अनुरूप प्राथमिक व मध्य विद्यालय में शिक्षक नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों का झारखंड से मैट्रिक व इंटर की परीक्षा पास होना अनिवार्य होगा। सरकार के प्रावधान के अनुरूप आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए इस प्रावधान को शिथिल किया गया है। राज्य के प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में शिक्षकों के 26 हजार पद रिक्त हैं। इसके अलावा सरकार ने 71 हजार नए पद सृजित करने का भी निर्णय लिया है।
पद सृजन की प्रक्रिया शुरू है। पद सृजन के प्रस्ताव को भी शिक्षा मंत्री ने अपनी सहमति दे दी है। राज्य में वर्ष 2015-16 में हुई शिक्षक नियुक्ति में टेट सफल अभ्यर्थियों की सीधी नियुक्ति हुई थी। लेकिन नियुक्ति में कई जिलों में गड़बड़ी का मामला सामने आया था। जिला स्तर पर शिक्षक नियुक्ति में गड़बड़ी हुई थी। फर्जी प्रमाण पत्र के आधार कई जिलों में अभ्यर्थियों की नियुक्ति कर ली गई थी। आरक्षण के प्रावधान का भी कई जिलों में ठीक से पालन नहीं किया गया था। राज्य में 500 से अधिक फर्जी शिक्षक पकड़े गए थे। इस कारण भविष्य में जिला स्तर पर सीधी नियुक्ति नहीं करने और टेट सफल अभ्यर्थियों की परीक्षा लेने की बात कही गई थी। नियुक्ति में गड़बड़ी के कारण तीन जिलों के जिला शिक्षा अधीक्षक पर कार्रवाई भी की गई थी।