चाईबासा। बड़ी और दुखद खबर पश्चिमी सिंहभूम के चाईबासा के मझगांव थाना क्षेत्र के रूगुडसाई गांव से आयी है। यहां धर्मांतरण कर ईसाई बने तीन परिवारों का गांववालों ने सामाजिक बहिष्कार कर दिया है।
रविवार को ग्रामीण मुंडा शपातोर सिंह पुरती की अध्यक्षता में आयोजित ग्राम सभा में भोले-भाले ग्रामीणों को बहला-फुसलाकर ईसाई धर्म में धर्मांतरण कराने का विरोध किया गया। मौके पर ग्रामीण मुंडा एवं डाकुवा ने ईसाई धर्म मानने वाले गांव के तीन परिवारों के मुखियाओं को बुलाकर सरना धर्म में लौटने का प्रस्ताव दिया, लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव को मानने से इनकार कर दिया। इसके बाद ग्रामीणों ने आदिवासी हो समाज युवा महासभा के पदाधिकारियों की उपस्थिति में तीनों परिवारों का सामाजिक बहिष्कार करने का एलान किया।
इसके अलावा हो जनजाति के सामाजिक और धार्मिक संस्कारों तथा रीति-रिवाजों का पालन नहीं करने के बावजूद जनजातियों के आरक्षण का लाभ लेनेवाले लोगों के विरुद्ध सामाजिक और कानूनी लड़ाई पर भी सहमति बनी।
*धर्मांतरित परिवारों के खिलाफ निर्णय*
इनके जन्म, मृत्यु, विवाह व अन्य सामाजिक कार्यक्रमों में सरना परिवार के लोग भाग नहीं लेंगे।
प्राकृतिक आस्था स्थल देशाऊली में धर्मांतरित परिवारों का जाना प्रतिबंधित रहेगा।
इनसे कोई बातचीत नहीं करेगा, लेन-देन और व्यापारिक रिश्ता नहीं रहेगा। इसका उल्लंघन करनेवाले ग्रामीण को पांच हजार रुपये दंड के रूप में देना होगा।
धर्मांतरित परिवार अपने मवेशी निजी जमीन पर ही चरा सकेंगे।
आवागमन के लिए अपनी ही निजी जमीन का इस्तेमाल करना होगा।
सरकारी योजनाओं के लाभ, अस्पताल, स्कूल, तालाब, चापाकल व अन्य सरकारी सुविधाओं को छोड़कर गांव की बाकी सार्वजनिक संपत्तियों के उपयोग पर रोक होगी।