रांची। झारखंड की राजधानी रांची से सटे कांके स्थित बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में 20 और 21 दिसंबर, 2021 को 45वां भारतीय कृषि विश्वविद्यालय संघ (आईएयूए) के कुलपति सम्मलेन का आयोजन किया जायेगा। बीएयू परिसर में आयोजित इस सम्मलेन के उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि झारखंड के राज्यपाल एवं विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति रमेश बैस होंगे।
बीएयू कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने बताया कि सम्मलेन का मुख्य विषय ‘कृषि विश्वविद्यालयों के मानक, स्थिरता और सामाजिक प्रभाव में सुधार’ है। इसके अधीन नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संदर्भ में कृषि शिक्षा और अनुसंधान में अंतर्राष्ट्रीय मानक प्राप्त करना, कृषि उत्पादकता को बढ़ाने और बनाए रखने की रणनीति, उपयुक्त प्रौद्योगिकियों का विकास और अनुप्रयोग के साथ लाभप्रदता, किसानों का प्रौद्योगिकी, बाजार, ऋण और प्रसार सेवाओं तक पहुंच को सक्षम बनाना तथा कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में उद्यमिता विकास के लिए अनुकूल पारिस्थिकी तंत्र बनाना आदि उपविषयों को शामिल किया गया है।
महानिदेशक (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (आईसीएआर) एवं सचिव, कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग) डॉ त्रिलोचन महापात्रा विशिष्ट अतिथि होंगे। संघ के अध्यक्ष एवं कुलपति, सरदार बल्लभ पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेरठ डॉ आरके मित्तल समारोह की अध्यक्षता करेंगे। संघ के महासचिव एवं कुलपति, डॉ राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर डॉ आरसी श्रीवास्तव परिचयात्मक टिप्पणी प्रस्तुत करेंगे।
भारतीय कृषि विश्वविद्यालय संघ द्वारा प्रायोजित इस सम्मलेन में देश के 70 नियमित सदस्य विश्वविद्यालयों के कुलपति भाग लेंगे। संघ की स्थापना वर्ष 1967 में 9 संस्थापक सदस्य कृषि विश्वविद्यालयों से की गई थी। वर्तमान में संघ के 62 राज्य कृषि विश्वविद्यालय, 4 डीम्ड कृषि विश्वविद्यालय एवं 4 केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय नियमित सदस्य हैं, जिनमें 44 कृषि, 6 बागवानी, 17 पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान तथा 3 मत्स्य विज्ञान विशेषज्ञता आधारित विश्वविद्यालय शामिल है।
सदस्य विश्वविद्यालयों के कुलपति से ही संघ का सामान्य निकाय गठित होता है। विश्वविद्यालयों एवं राज्यों में कृषि शिक्षा, अनुसंधान एवं प्रसार को बढ़ावा से सतत ग्रामीण विकास संघ का मुख्य उद्देश्य है, जो कृषि विश्वविद्यालयों के बीच संचार, समन्वय एवं पारस्परिक परामर्श सुविधा के लिए सूचना ब्यूरो का कार्य तथा सदस्य विश्वविद्यालयों एवं सरकारी विभागों के बीच महत्वपूर्ण मामलों की कारवाई में तेजी लाता है।
डॉ ओंकार नाथ सिंह ने बताया कि कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति सम्मलेन के आयोजन से झारखण्ड राज्य में कृषि शिक्षा, अनुसंधान एवं प्रसार के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार का मार्गदर्शन मिलने का अवसर होगा। इससे राज्य में कृषि शिक्षा, अनुसंधान एवं प्रसार को नई दिशा दी जा सकेगी।