वाराणसी : दुनिया का इकालौता मंदिर, जहां होती है भारत के मानचित्र की पूजा, जानिए ख़ासियत

उत्तर प्रदेश देश
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वाराणसी। यूपी के वाराणसी में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ कैंपस के ललित कला विभाग के समीप देश के इकलौते भारत माता मंदिर के 5-D मैप से तैयार किया जा रहा है। मंदिर के गर्भगृह में बने पवित्र मैप पर उकेरे राज्य, शहर, और पर्वत चोटियों के नाम के रंग के पड़ गए हैं।

केयर टेकर राजू सिंह का कहना है कि रंगों को भरने का काम बहुत जल्द पूरा कर लिया जाएगा। मंदिर को खूबसूरती मैप पर ही टिकी है। फीके रंगों को भरने के लिए खास रंगों का उपयोग किया जा रहा है, ये विशेष रूप से मंदिर के मैप के लिए लाए गए हैं। भारत मंदिर की खासियत यह है कि इसमें कोई प्रतिमा नहीं है। मगर, इसकी धूमिल मैप अब दर्शनार्थियों को भी हैरान कर रही है।

भारत माता मंदिर के मैप को 11 इंच के मकराना पत्थर के 762 टुकड़ों को तराश कर बनाया गया है। गर्भगृह 31 फीट दो इंच लंबा और 30 फीट दो इच चौड़ा है। भारत माता मंदिर के बनाने की स्टोरी बढ़ी दिलचस्प है। मंदिर निर्माण के विचार के बाद आधारशिला दो अप्रैल वर्ष 1926 को रखी गई। बुनियाद रखने के बाद मानचित्र वाला मंदिर बनाने का निर्णय लिया गया।

काशी के नाम शिल्पकार दुर्गा प्रसाद ने सन् 1918 में मानचित्र मंदिर बनाना शुरू किया। 6 साल तक मकराना के संगमरमर को तराशा गया। महात्मा गांधी ने भारत माता मंदिर का इनॉग्रेशन किया था।