भागलपुर। बिहार के बहुचर्चित सृजन घोटाला मामले में सीबीआई ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। सीबीआई ने तीन आरोपी अपर्णा वर्मा, राजरानी वर्मा और जसीमा खातून को भागलपुर और झारखंड के साहेबगंज से गिरफ्तार किया है।
तीनों आरोपियों के संबंध घोटाले की मास्टर माइंड मनोरमा देवी से था। कोर्ट ने इन सबके खिलाफ 16 फरवरी को गैर जमानती वारंट जारी किया था। उसके बाद अपर्णा और राजरानी की गिरफ्तारी भागलपुर के सबौर जबकि जसीमा खातून को साहेबगंज से गिरफ्त में लिया गया। इससे पहले भी सीबीआई इनके घर पर गिरफ्तारी करने पहुंची थी, लेकिन तब ये सभी पीछे के दरवाजे से फरार हो गए थे।
तीनों आरोपित सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड सबौर की प्रबंधकारिणी सदस्य थीं। उनके संबंध घोटाले की मास्टरमाइंड भागलपुर की मौसी मनोरमा देवी से भी थे। सीबीआई को उम्मीद है कि गिरफ्तार की गईं तीनों महिलाओं से उन्हें सृजन घोटाले के मामले में अहम जानकारी मिल सकती है।
बता दें कि सृजन घोटाले में दिल्ली और पटना सीबीआई ने पहले से करीब दो दर्जन प्राथमिकी दर्ज कर रखी हैं और सभी मामलों की जांच कर रही है। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय भी जांच कर रही है। बिहार के भागलपुर जिले के सबौर में गरीब और नि:सहाय महिलाओं के उत्थान के लिए सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड की शुरुआत की गई थी। लेकिन इसके आड़ में घोटाले पर घोटाले किए गए। इसकी शुरुआत नजारत शाखा से हुई थी। इसमें 16 दिसंबर, 2003 से लेकर 31 जुलाई, 2017 तक नजारत के खजाने से पैसे की अवैध निकासी होती रही।
उसके बाद जिला पार्षद, फिर सहरसा, भागलपुर और बांका भू-अर्जन कार्यालय, कल्याण विभाग और स्वास्थ्य विभाग सहित कई विभागों के खातों से अवैध रूप से मोटी रकम की निकासी की गई। जब 2017 में भागलपुर के डीएम की सिग्नेचर वाली चेक खाते में पैसे नहीं यह बता कर वापस कर दिया, जबकि जिलाधिकारी को जानकारी थी कि खाते में पर्याप्त राशि हैं।
चेक लोटने के बाद डीएम ने जब स्थानीय स्तर पर जांच कराई तो यह जानकारी सामने आयी कि दोनों सरकारी काते में पैसे नहीं है। इसके बाद यह जानकारी तत्काल सरकार को भेजी गई। इसके बाद घोटाले की परत दर परत खुलनी शुरू हो गई। इसी कड़ी में बिहार सरकार ने पहले आर्थिक अपराध इकाई से जांच कराई बाद में मामले के राजनीतिक तूल पकड़ने पर बिहार सरकार ने सीबीआई से जांच की अपील की थी। उसके बाद सीबीआई ने जांच शुरू की।