- संगठन की बैठक में कई बिंदुओं पर चर्चा, लिये गये अहम निर्णय
रांची। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ झारखंड प्रदेश ने स्कूल टाइम बढ़ाने के सरकार के निर्णय को अव्यवहारिक बताया है। संघ की 19 नवंबर, 2021 को सेवा भारती, रांची में हुई बैठक में कई बिंदुओं पर चर्चा की गई। कई अहम निर्णय लिये गये। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश संयोजक आशुतोष कुमार ने की। महासंघ के संस्थापक महामंत्री विनय कुमार भी मौके पर मौजूद थे।
महासंघ के सदस्यों ने शिक्षकों की सेवा शर्त से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर सरकार के साथ वार्ता एवं ज्ञापन के माध्यम से कार्य करने का लिया है। बैठक में सह संयोजक विजय बहादुर सिंह, प्रदेश मीडिया प्रभारी अरुण कुमार दास, रामगढ़ से अजय अग्रवाल, सत्येंद्र कुमार सिंह, संजय राय, रामकुमार साहू, खूंटी से नागेंद्र तिवारी, रांची जिले से अजय कुमार, पंकज कुमार, अरुण कुमार, राकेश कुमार श्रीवास्तव, समीर श्रीवास्तव उदय कुमार आदि शिक्षक प्रतिनिधि मौजूद थे।
इन बिंदुओं पर चर्चा और निर्णय
(1) स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा राज्य के सभी विद्यालयों के वार्षिक शैक्षणिक दिवस (220 दिन), वार्षिक घंटे (1000 घंटे) के साथ साप्ताहिक 45 घंटे निर्धारित करने के साथ-साथ समय सारणी के अनुरूप कार्य करने के अतिरिक्त अन्य प्रशासनिक निर्देश जारी किया गया है, जो छात्र, शिक्षक एवं राज्य की शिक्षा व्यवस्था के लिए अव्यवहारिक है। राज्य की सांस्कृतिक, आर्थिक एवं भौगोलिक परिस्थितियों के प्रतिकूल है।
इस संबंध में सरकार के समक्ष विस्तृत प्रतिवेदन देकर यथाशीघ्र आवश्यक सुझाव देने का निर्णय लिया है। ज्ञात हो कि वर्तमान में राज्य के विद्यालय में शैक्षणिक कार्य दिवस 253 दिन और शैक्षणिक कार्य 1362 घंटे हैं।
(2) राज्य के कर्मचारियों के समान शिक्षकों को भी एमएसीपी का लाभ देना सुनिश्चित कराने की मांग करने की निर्णय लिया गया।
(3) प्रदेश के शिक्षकों की वर्षों से लंबित प्रोन्नति को यथाशीघ्र कार्य संपादन सुनिश्चित कराने की अपील सरकार से की गई।
(4) पिछले दिनों शिक्षा सचिव के समक्ष शिक्षक प्रतिनिधियों के साथ वार्ता की समीक्षा की गई।
(5) महासंघ को पूरे प्रदेश में और अधिक सशक्त बनाने के लिए सभी जिलों से चयनित राज्य प्रतिनिधि एवं जिला कार्यकारिणी को मजबूत करते हुए प्रांतीय कार्यकारिणी की रूपरेखा यथाशीघ्र तय करने की कार्य योजना बनाई गई है, ताकि प्रदेश के शिक्षकों की सेवा शर्त के साथ-साथ राज्य के बच्चों के शैक्षणिक उन्नयन के क्षेत्र में कार्य किया जा सके। जरूरत पड़ने पर महासंघ अन्य संगठनों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए कार्य करने की आम सहमति बनाई है।