रांची। भारत के संविधान निर्माण में झारखंड के भी कई महापुरुषों ने दिया था योगदान दिया था। उन्होंने दिन-रात मेहनत कर अपनी महती भमिका निभाई थी। इनमें सबसे पहला नाम हजारीबाग के प्रथम निर्वाचित सांसद बाबू रामनारायण सिंह का आता है। वे आजादी से पहले संविधान सभा के सदस्य भी रहे थे।
विनोबा भावे विश्वविद्यालय के पीआरओ, राजनीतिशास्त्र विभाग में पीजी के प्राध्यापक और बाबू रामनारायण सिंह के पौत्र डॉ प्रमोद कुमार बताते हैं कि प्राम सांसद ने संविधान सभा के सदस्य रहते हुए उन्होंने अध्यक्षीय शासन प्रणाली की वकालत भी की थी। तब उन्होंने कहा था कि ईमानदार अध्यक्ष पाना सरल है, लेकिन सभी मंत्रियों को ईमानदार पाना सहज नहीं है।
उनके अलावा पलामू के वकील व संविधान सभा के सदस्य यदुवंश सहाय उर्फ यदु बाबू, पलामू के वकील व राजनीतिज्ञ अमियो कुमार घोष उर्फ गोपा बाबू, लोहरदगा के वकील बोनिफेस लकड़ा, पश्चिमी सिंहभूम के देवेंद्रनाथ सामंत और संयुक्त बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री हजारीबाग निवासी कृष्ण वल्लभ सहाय ने भी संविधान निर्माण में बड़ी भूमिका निभाई थी।