
पटना। बिहार के मधुबनी जिले के झंझारपुर के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अविनाश कुमार पर हमले का पटना हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया। अदालत ने बिहार के डीजीपी को तलब किया है। उन्होंने सुनवाई के दौरान मौजूद रहने के निर्देश दिये हैं।
पटना उच्च न्यायालय ने दो पुलिस अधिकारियों द्वारा झंझारपुर के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अविनाश कुमार पर हमले का संज्ञान लिया। बिहार के डीजीपी को 29 नवंबर को मामले की सुनवाई के दौरान मौजूद रहने के निर्देश दिए हैं।
बताते चलें कि 18 नवंबर को दोपहर में जज के चेंबर में थानेदार और दारोगा घुस गये। उन्होंने पिस्टल की नोक पर जज के साथ मारपीट की है। हो-हंगामा सुनकर कोर्ट के वकील जज के चेंबर की तरफ दौड़े। तब जज की जान बच पायी।
गुस्साये वकीलों ने थानेदार और दारोगा को कोर्ट में ही बंधक बना लिया।
वकीलों ने बताया कि उनके चेंबर में जाने के बाद भी दोनों पुलिसवाले गाली-गलौज और मारपीट कर रहे थे। इस दौरान जज साहब कांप रहे थे। बीच-बचाव करने आये जज के कर्मचारी चंदन कुमार के साथ भी दोनों पुलिसकर्मियों ने मारपीट की। जिले के घोघरडीहा थाने के थानेदार गोपाल कृष्ण और एक एएसआइ अभिमन्यु कुमार ने ऐसा किया है।
झंझारपुर कोर्ट के वकीलों ने बताया कि एडीजे प्रथम अविनाश कुमार लोक अदालत के भी अध्यक्ष हैं। लोक अदालत में घोघरडीहा थाना क्षेत्र की एक महिला ने आवेदन दिया था। इसमें थानेदार गोपाल कृष्ण और एएसआइ अभिमन्यु कुमार को कोर्ट में तलब किया गया था। दोनों के समय पर नहीं पहुंचने पर एडीजी ने उन्हें जमकर फटकार लगायी थी। इसके बाद ये घटना हुई है।