हरियाणा। हिंदी साहित्य की मशहूर लेखिका मन्नू भंडारी का निधन हो गया है। ‘आंखों देखा झूठ’, ‘आपका बंटी’ जैसे लोकप्रिय उपन्यासों के लिए चर्चित रहीं मन्नू भंडारी का करीब 10 दिन से बीमार थीं। उनका हरियाणा के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था, जहां आज दोपहर को उन्होंने अंतिम श्वांस ली।
मन्नू भंडारी का अंतिम संस्कार मंगलवार को दिल्ली के लोधी रोड स्थित श्मशान घाट में किया जाएगा। 3 अप्रैल 1931 को मध्य प्रदेश के भानपुरा में जन्मीं भंडारी प्रसिद्ध साहित्यकार राजेंद्र यादव की पत्नी थीं। उन्होंने दिल्ली के प्रतिष्ठित मिरांडा हाउस कॉलेज में अध्यापिका के पद पर भी अपनी सेवाएं दी थीं। भोपाल में जन्मीं मन्नू भंडारी नई कहानी आंदोलन का हिस्सा रही हैं, जिसकी शुरुआत निर्मला वर्मा, राजेंद्र यादव, भीष्म साहनी, कमलेश्वर जैसे लेखकों ने की थी।
मन्नू भंडारी उन लेखिकाओं में से रही हैं, जिन्होंने आजादी के बाद के भारत की आकांक्षी महिलाओं की कहानियों को लिखा है। उनके महिला किरदार पुरानी रुढ़ियों को तोड़ते, स्वतंत्र अस्तित्व की बात करते दिखते हैं। उनके साथ ही मन्नू भंडारी का पहला उपन्यास ‘एक इंच मुस्कान’ 1961 में प्रकाशित हुआ था। इसके बाद मन्नू भंडारी का दूसरा उपन्यास आपका बंटी की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसे फ्रेंच, बंगाली और इंग्लिश में भी अनुवाद किया गया था।
मन्नू भंडारी के लेखन की काफी सराहना की गई और उन पर आधारित फिल्में भी आईं। ऐसी ही एक मशहूर फिल्म रजनीगंधा थी, जो 1974 में रिलीज हुई थी। यह फिल्म उनकी शॉर्ट स्टोरी ‘यही सच है’ पर आधारित थी। यही नहीं इस फिल्म ने फिल्मफेयर अवॉर्ड भी जीता था।