रामगढ़, हजारीबाग, बोकारो समेत कई जिलों में ब्लैक आउट की स्थिति, डीवीसी ने भेजा था पत्र

झारखंड
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रांची। डीवीसी ने पांच नवंबर की शाम 7.30 बजे झारखंड बिजली वितरण निगम और राज्य सरकार के प्रमुख अधिकारियों को पत्र भेजा कि रात 12 बजे से 50 प्रतिशत बिजली यानी 300 मेगावाट की कटौती शुरू की जाएगी।

पत्र मिलने के ठीक 4.30 घंटे बाद रात 12 बजे से ही डीवीसी ने बिजली कटौती शुरू कर दी। नियमत: 15 दिन पहले नोटिस देने का प्रावधान है। बिजली कटौती से रामगढ़, हजारीबाग, कोडरमा, बोकारो, गिरिडीह व धनबाद में ब्लैक आउट की स्थिति है। इधर जेबीवीएनएल प्रबंधन ने डीवीसी के इस कदम पर एतराज जताया है। प्रबंधन ने डीवीसी के अधिकारियों से कहा है कि एक नवंबर को पत्र भेजकर सात दिनों में रोडमैप मांगा गया था। फिर अचानक पांच नवंबर की शाम 7.30 बजे ई-मेल भेजा गया और देर रात से बिजली कटौती शुरू कर दी गई।

वह भी तब जब जेबीवीएनएल राज्य सरकार के माध्यम से प्रति माह 100 करोड़ रुपए का भुगतान कर रहा है। डीवीसी जेबीवीएनएल को प्रतिदिन 600 मेगावाट बिजली देता है, जो करीब 160 करोड़ रुपए मासिक का होता है। राज्य सरकार की ओर से 100 करोड़ रुपये का भुगतान डीवीसी को प्रतिमाह किया जाता है। डीवीसी कमांड एरिया से मुक्त करने का झारखंड सरकार की ओर से प्रयास किया जा रहा है।

इसी कड़ी में इटखोरी ग्रिड को चालू कर चतरा जिले को डीवीसी कमांड एरिया से मुक्त कर दिया गया है। गोविंदपुर ग्रिड को चालू कर धनबाद के बड़े हिस्सों में जेबीवीएनएल अपनी बिजली आपूर्ति कर रहा है। इसी तरह सरिया, जमुआ और गिरिडीह के कुछ हिस्सों में भी जेबीवीएनएल अपनी बिजली आपूर्ति कर रहा है। धनबाद के कतरास और झरिया इलाकों में कटौती का आंशिक असर पड़ा है। अक्तूबर 2020 से अब तक डीवीसी के बकाया भुगतान के लिए झारखंड सरकार के आरबीआई खाते से तीन बार कटौती हो चुकी है।

पहली किस्त अक्तूबर 2020 में 1417 करोड़ और बाकी की दो किस्त क्रमश: 714 और 714 करोड़ रुपए काटी जा चुकी है। अगली तिथि दिसंबर 21 में कटौती करने की है। इधर डीवीसी की ओर से नियमित बिजली बिल पूर्ण रूप से भुगतान नहीं करने की बात कह कर लोड शेडिंग शुरू कर दी गई है।

जेबीवीएनएन प्रबंधन की ओर से बताया गया कि डीवीसी से बातचीत चल रही है। पत्राचार भी किया जा रहा है। जल्द ही समाधान हो जाएगा। फिलहाल डीवीसी कमांड एरिया में स्थिति सामान्य है।