राष्ट्रीय प्रदर्शनी में बीएयू के हर्बल रिसोर्स टेक्नोलॉजी को मिली सराहना

झारखंड
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  • आईसीएआर के महानिदेशक, उपमहानिदेशक एवं देश के कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति ने स्टॉल का भ्रमण किया 

रांची। आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित 15वें कृषि विज्ञान अधिवेशन एवं कृषि प्रदर्शनी में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय ने भाग लिया। वाराणसी में 13 से 16 नवंबर तक इसका आयोजन राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी, नई दिल्ली एवं काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।

इस प्रदर्शनी में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा रांची जिले के देवड़ी में स्थापित एलोवेरा विलेज और इस सबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मन की बात आकर्षण का केंद्र रहा। विवि के वानिकी संकाय के वनोत्पाद उपयोगिता विभाग द्वारा गिलोय के जर्म प्लाज्म सहित विभिन्न औषधीय पौधों की कृषि एवं उत्पाद तकनीक के साथ करीब 40 वनौषधियों को प्रदर्शित किया गया था। प्रदर्शनी में विवि के पहला स्टॉल आवंटित किया गया था।

आईसीएआर महानिदेशक डॉ त्रिलोचन महापात्रा, पूर्व अध्यक्ष राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी एवं पूर्व आईसीएआर महानिदेशक डॉ पंजाब सिंह और काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो वीसी शुक्ला, स्वामी केशवानंद कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर के कुलपति डॉ आरपी सिंह तऔर जम्मू एवं कश्मीर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ जेपी शर्मा, आईसीएआर उपमहानिदेशक डॉ एके सिंह, आईसीएआर के सहायक  महानिदेशकों, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के निदेशक, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं छात्र-छात्राओं ने बारीकी से देखा। तकनीकी जानकारी ली। मेले में विवि के औषधीय प्रदर्शनी को भारी संख्या में लोगों ने देखा।

मौके पर आईसीएआर महानिदेशक डॉ त्रिलोचन महापात्रा एवं अन्य अतिथियों ने बीएयू के औषधीय क्षेत्र में शोध एवं प्रसार गतिविधि एवं उपलब्धियों की सराहना की।

अधिवेशन के तकनीकी सत्र में वानिकी संकाय के वनोत्पाद उपयोगिता विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ कौशल कुमार ने एलोवेरा विलेज की सफलता और सर्पगंधा की कृषि तकनीकी पर शोध पत्र प्रस्तुत किया। पोस्टर के माध्यम से वनौषधियों के तकनीकों को प्रदर्शित किया।

वानिकी संकाय के वनोत्पाद उपयोगिता विभाग के विभागाध्यक्ष एवं प्रदर्शनी के टीम लीडर डॉ कौशल कुमार ने बताया कि कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह के निर्देश एवं मार्गदर्शन में विवि द्वारा किये गए प्रदर्शन को भारी सफलता मिली। वैश्विक कोरोना आपदा की वजह से लोगों में औषधीय पौधों के प्रति विशेष आकर्षण एवं रुचि देखी गई। स्टॉल में लोगों में औषधीयों की उपयोगिता की विस्तृत जानकारी दी गई। स्टॉल के संचालन में आईसीएआर-औषधीय परियोजना से जुड़े डॉ दिवाकर प्रसाद निराला एवं रंजीत महतो ने सहयोग दिया।

प्रदर्शनी की सफलता पर बीएयू कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने कहा कि झारखंड वनौषधियों की संपदा से काफी समृद्ध है। कोरोनाकाल में औषधीय की उपयोगिता एवं मांग काफी बढ़ी है। राज्य में संभावनाओं को देखते हुए विवि औषधीय शोध एवं प्रसार की दिशा में अग्रणी है।