सौर सिंचाई पंप से आत्मनिर्भर और सशक्त हो रही हैं महिला किसान

झारखंड
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रांची। झारखंड सरकार और झारखंड अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (जेरेडा) द्वारा राज्य में पीएम कुसुम योजना को बढ़ावा दि‍या जा रहा है। इसके लिए कृषि क्षेत्र में सौर पंपों को बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि अधिकतम किसानों तक इसका लाभ पहुंचे। महिला सशक्तिकरण का विस्तार किया जा सके। इस कार्यक्रम के जरिए झारखंड के खेतों में सौर ऊर्जा का प्रसार बढ़ेगा। महिला किसान समृद्ध होगी।

जेरेडा के डायरेक्टर केके वर्मा ने बताया कि पीएम कुसुम योजना के तहत जरूरतमंद किसानों के बीच सोलर पंप सेट का प्रसार बढ़ाया जा रहा है। यह योजना उन सुदूरवर्ती क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है, जहां ग्रिड बिजली की पहुंच नहीं है। डीजल आधारित पंप सेट के बजाय स्वच्छ अक्षय ऊर्जा के जरिए सिंचाई सुविधा एवं अन्य कृषि गतिविधियों को मजबूती दी जा सकती है। महिला किसानों के बीच सोलर पंप की लोकप्रियता से उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आएंगे। एक स्टेट नोडल एजेंसी के रूप में जेरेडा राज्य के कृषि क्षेत्र समेत सभी प्रमुख आर्थिक गतिविधियों में अक्षय ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा देने में प्रमुख भूमिका निभा रहा है।

ऊर्जा सलाहकार, (एफसीडीओ) उदित माथुर ने कहा कि हम पीएम कुसुम योजना के माध्यम से जेरेडा के साथ साझेदारी में काम करने के लिए उत्सुक हैं, ताकि जेंडर केंद्रित अंतःक्षेप का प्रारंभ किया जा सके। योजना के बारे में महिलाओं की जागरुकता और वित्त तक पहुंच पर ध्यान केंद्रित करके हम कार्यक्रम को और अधिक समावेशी बना सकते हैं, जिससे महिला किसानों के लिए कई विकासात्मक सह-लाभों को बढ़ाया जा सके।

इस कार्यक्रम में स्विचऑन फाउंडेशन क्षेत्रीय स्तर पर लोगों को जोड़ने के लिए एक साझेदार संस्था है। इसकी प्रमुख गतिविधियों में सौर पंपों की क्षमता के बारे में महिलाओं के बीच जागरुकता पैदा करना, जेरेडा कार्यालय में आवेदन जमा करने में मदद करना, सौर पंपों के रखरखाव के लिए महिला किसानों का प्रशिक्षण और महिला सशक्तिकरण के उपायों को प्रोत्साहित करना शामिल है।

फाउंडेशन के प्रबंध निदेशक विनय जाजू ने कहा कि सौर पंप अतिरिक्त श्रम और श्रम को बचाने में मदद करते हैं। महिलाओं को अपनी आय को दोगुना करने में सक्षम बनाते हैं। स्विचऑन द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि पानी की पर्याप्त उपलब्धता के कारण 40% किसान अपनी फसल में विविधता लाने में सक्षम थे। उनकी आय में 65% की वृद्धि देखी गई।

पीएम कुसुम सौर पंप सब्सिडी योजना मुख्य रूप से किसानों को रियायती दरों पर सौर पंप (सतह और सबमर्सिबल दोनों के लिए) उपलब्ध कराने पर केंद्रित है। सब्सिडी पैटर्न सतह और सबमर्सिबल दोनों पंपों के लिए समान है। किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए 2 एचपी पंप के लिए 5000 रुपये, 3 एचपी पंप के लिए 7000 रुपये और 5 एचपी पंप के लिए 10,000 लगाएंगे। बाकी लागत राज्य और केंद्र सरकार द्वारा संयुक्त रूप से वहन की जाएगी। सबमर्सिबल पंपों के मामले में किसानों को अपने खर्चे पर बोरिंग की व्यवस्था करनी होगी या किसान के पास मौजूदा बोरिंग होनी चाहिए।

इस योजना का लाभ लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज आवेदन पत्र, निदेशक (जेरेडा) के नाम पर डिमांड ड्राफ्ट, पहचान प्रमाण, पता प्रमाण, भूमि रसीद और हलफनामा (यदि भूमि है) भेजा जा सकता है। आवेदन विवरण जेरेडा की आधिकारिक वेबसाइट से प्राप्त किया जा सकता है।