रांची। केंद्रीय मनोचिकित्सा संस्थान और डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में मानसिक स्वास्थ्य साक्षरता पर 30 अक्टूबर को एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सीआईपी के निदेशक डॉ बासुदेब दास ने मनोरोग एवं उनसे जुड़ी भ्रांतियों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार सामाजिक और परिवारिक स्थिति भी मानसिक स्वास्थ्य को ठीक कर सकती है। उन्होंने बताया कि किस प्रकार फार्मोकोलॉजिकल इलाज को लेकर समाज में भ्रांतियां जुड़ी हुई हैं। उन्होंने कहा कि हमारे समाज में महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य की उपेक्षा की जाती है।
सीआईपी के मनोरोग सामाजिक कार्य विभाग के डॉ दीपांजन भट्टाचार्जी द्वारा छात्र-छात्राओं को प्रभावित करने वाले मनोसामाजिक मुद्दों पर बात की गई। नैदानिक मनोविज्ञान विभाग की डॉ मधुमिता भट्टाचार्य द्वारा विश्वविद्यालय के छात्रों में शैक्षणिक और कैरियर संबंधी तनाव विषय पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने विभिन्न प्रकार की मानसिक बीमारियों द्वारा उत्पन्न होने वाले तनाव और उनसे लड़ने के टिप्स दिये।
मनोचिकित्सा विभाग के डॉ उमेश द्वारा साइकोएक्टिव पदार्थ की लत और विश्वविद्यालय के छात्रों से जुड़े जोखिम सुरक्षात्मक कारक और हस्तक्षेप विकल्पों को पारदर्शिता से समझाया गया। डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी की डॉ मीनाक्षी कुजुर ने धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में सीआइपी से डॉ जेम्स जेडब्ल्यू, डॉ के प्रसाद, PSW स्टूडेंट गौरव के गिरि एवं मयंक सिंह, डॉ तेतरा, डॉ प्रकाश मौजूद थे।