रांची। बड़ी खबर यह है कि भाकपा माओवादी ने आज रविवार 17 अक्टूबर को झारखंड समेत बिहार, उत्तरी छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में बंद का आह्वान किया है।
माओवादियों ने उत्तरप्रदेश के लखीमपुर कांड के विरोध में बंद बुलाया है। नक्सलियों के बंद को देखते हुए झारखंड में हाई अलर्ट है। यहां बता दें कि झारखंड पुलिस नक्सलियों के खिलाफ जोरदार ढंग से अभियान चला रही है। पुलिस नक्सलियों की मांद में घुसकर नक्सलियों को घेरने में जुट गई है।
पुलिस द्वारा नक्सलियों के ठिकानों पर लगातार नक्सल विरोधी अभियान चलाया जा रहा है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सर्च अभियान चलाया जा रहा है, वहीं राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में भी सर्च अभियान चलाया जा रहा है। झारखंड के सीमावर्ती क्षेत्रों पर पुलिस की विशेष नजर है। जंगलों के साथ साथ हाईवे पर पुलिस की विशेष चौकसी है। झारखंड पुलिस का कहना है कि पहले से ही नक्सलियों के ठिकानों के पास कई पुलिस पिकेट बनाये जा चुके हैं, ताकि नक्सलियों के गढ़ तक पहुंचा जा सके। माओवादी प्रवक्ता मानस के अनुसार बंद के दौरान दूध, पानी, दवा, एंबुलेंस, अग्निशमन दस्ते जैसी आवश्यक सेवाओं को बंद से मुक्त रखा गया है।
माओवादी प्रवक्ता ने बंद को सफल बनाने के लिए आम लोगों से अपील की है। साथ ही किसानों से लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर मुखर बनने का आह्वान भी किया है। बंद को लेकर रेलवे और झारखंड पुलिस सतर्क है। इसको लेकर झारखंड पुलिस मुख्यालय के निर्देश के बाद सभी जिलों के एसपी ने पुलिस जवानों को चौकस किया है और अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में चौकसी का निर्देश दिया है। बंद के दौरान पुलिस बलों पर हमले किये जाने की साजिश का भी खुलासा हुआ है, जिसके बाद राज्य पुलिस की विशेष शाखा के स्पेशल इंटेलिजेंस ब्यूरो ने राज्य के सभी जिलों के एसपी के लिए विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है।
प्रवक्ता मानस के अनुसार 3 अक्टूबर को विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों पर तेज रफ्तार से कार चढ़ाकर कुचल देना क्रूर मानसिकता का परिचायक है, जिसे सुनकर भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं। स्वाभाविक है कि ऐसी घटना के बाद कोई भी भीड़ संयम और शांति नहीं बरत सकती है। इसलिए लखीमपुर खीरी में भीड़ का आक्रोश देखने को मिला है। इस घटना के विरोध में संगठन ने आज बिहार, झारखंड, उत्तरी छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में बंद बुलाया है।