नई दिल्ली। बड़ी खबर दिल्ली से आ रही है। केंद्रीय चुनाव आयोग ने शनिवार को चिराग पासवान और पशुपति पारस के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के दो गुटों के बीच चल रहे विवाद के सुलझने तक लोजपा के चुनाव चिन्ह को फ्रीज कर दिया है।
चुनाव आयोग के सूत्रों ने पहले कहा था कि निर्णय 4 अक्टूबर तक लिया जायेगा। यह शनिवार और सोमवार के बीच होगा। बिहार की दो विधानसभा उपचुनाव सीटों के लिए नामांकन प्रक्रिया जारी है। दरअसल इस मामले में चुनाव निकाय तीन विकल्पों पर विचार कर रहा था, पहला अंतिम निर्णय होने तक पार्टी के चुनाव चिन्ह को अंतरिम आदेश के साथ फ्रीज करना और पार्टी के दोनों गुटों को अलग-अलग प्रतीकों पर उपचुनाव लड़ने की अनुमति देना।
दूसरा लोजपा के अध्यक्ष चिराग पासवान के गुट के साथ चुनाव चिन्ह जारी रखना और तीसरा पशुपति पारस के धड़े को लोजपा का पार्टी सिंबल देना। यहां बता दें चिराग पासवान ने शुक्रवार को चुनाव आयोग के कार्यालय का दौरा किया था और मांग की थी कि पार्टी का चुनाव चिन्ह उनकी पार्टी के पास बना रहे। लोजपा के एक धड़े का नेतृत्व पार्टी अध्यक्ष पासवान कर रहे हैं, जबकि दूसरे धड़े की अगुवाई उनके चाचा और केंद्रीय कैबिनेट मंत्री पशुपति पारस कर रहे हैं। यहां यह भी बता दें कि लोजपा में यह संकट इस साल जून में शुरू हुआ, जब पांच सांसद पासवान गुट छोड़ पारस के पास चले गये थे। बाद में पारस ने खुद को पटना में पार्टी अध्यक्ष घोषित कर दिया था।