- कई और मुद्दों को लेकर अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ आंदोलन की तैयारी में
रांची। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ की झारखंड प्रदेश कमेटी ने राज्य स्थापना दिवस तक प्रोन्नति पर लगी रोक हटाने का अल्टीमेटम सरकार को दिया है। इस अवधि में रोक नहीं हटने पर संघ आंदोलन की घोषणा करेगा।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र चौबे, महासचिव राममूर्ति ठाकुर और मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने कहा कि रोक के कारण शिक्षकों की प्रोन्नति नहीं हो पा रही है। इससे शिक्षकों में व्यापक आक्रोश है। इसके कारण राज्य के 96 प्रतिशत मध्य विद्यालयों को हेडमास्टर नहीं मिल पा रहे हैं।
इसी प्रकार स्नातक प्रशिक्षित के विषय आधारित शिक्षकों के 56 प्रतिशत पद रिक्त पड़े हुए हैं। संघ ने सरकार से राज्य स्थापना दिवस तक प्रोन्नति पर लगी रोक को हटाने की मांग की है। इस समय तक रोक नहीं हटाए जाने पर संघ आंदोलन की घोषणा करने की बात कही है।
संघ के पदधारियों ने कहा कि आंदोलन के क्रम में राज्य भर के शिक्षक सड़क पर उतरेंगे। दिसंबर, 2020 से ही प्रोन्नति पर रोक लगाई गई है। इसके कारण कई शिक्षक बिना प्रोन्नति पाये ही रिटायर हो गये। कई आने वाले दिनों में रिटायर होने वाले हैं।
संघ ने कहा कि विभागीय निर्देश के बावजूद जिलों में प्रोन्नति के निमित आंतरिक तैयारी कार्य के लिए शिक्षकों की वरीयता सूची बनाने का काम भी अब तक शुरू नहीं किया गया है। जिलों में वरीयता सूची 15 नवंबर तक तैयार नहीं होने पर यह विषय भी आंदोलन की राह पर बढ़ेगा।
उत्क्रमित उच्च विद्यालयों में विसंगतिपूर्ण प्रभारी बनाए जाने का संघ ने विरोध किया। पदधारियों ने विभागीय सचिव से इसे वापस लेने की मांग की। शिक्षकों के लिए एमएसीपी की व्यवस्था बहाल करने की मांग भी सरकार से की।
संघ ने शिक्षकों के निजी मोबाइल का विभागीय उपयोग लिए जाने पर आपत्ति जताई। इसके लिए सरकार से विद्यालयों के खराब टैब की मरम्मत कराने की मांग की। मध्याह्न भोजन योजना एवं विकास अनुदान की राशि विद्यालयों में उपलब्ध कराने की मांग की। संघ ने कहा कि राशि अनुपलब्ध रहते हुए भी सभी कार्यों को शिक्षकों के व्यक्तिगत राशि से कराने का विभाग दवाब दे रहा है। इस अनुचित है। इसका पूरजोर विरोध करने का निर्णय लिया गया।
संघ ने शिक्षकों के अंतर जिला स्थानांतरण, उर्दू शिक्षकों का योजना से गैर योजना मद में बदलने की मांग की। कहा कि शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्ति दिलाने के लिए भी सरकार पर दबाव बनाया जाएगा। इसके लिए आंदोलन किया जाएगा।