ईट निर्माता ने वित्त मंत्री से कहा, प्रमाण पत्र बनाने में सचिवालय और कार्यालय की दौड़ लगाते हो जाते हैं परेशान

झारखंड
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  • अन्‍य राज्‍यों की तर्ज पर पर्यावरण स्‍वीकृति अनिवार्यता खत्‍म करने की लगाई गुहार

रांची। झारखंड प्रदेश ईट निर्माता संघ का प्रतिनिधिमंडल वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव से मिला। उनसे राज्य में चल रहे ईट भट्ठा के लिए पर्यावरण स्वीकृति ईसी की अनिवार्यता समाप्त करने के लिए मांग पत्र सौंपा। प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री को बताया कि उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, पंजाब और हरियाणा की सरकारों ने ईट भट्ठा निर्माताओं को पर्यावरण स्वीकृति की अनिवार्यता समाप्त कर दी है। इसलिए झारखंड में भी ईट भट्ठा के निर्माताओं के हित में पर्यावरण स्वीकृति प्रमाण पत्र की अनिवार्यता समाप्त कर दी जाए।

प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री को बताया कि राज्य में लगभग 2,500 भट्ठा कार्यरत हैं। ईट भट्ठा निर्माताओं को पर्यावरण स्वीकृति प्रमाण पत्र लेना कठिन हो गया है। सचिवालय और कार्यालय दौड़ते संघ के पदधारी और निर्माता परेशान हो जाते हैं। मंत्री ने संघ को आश्वासन दिया कि इस संबंध में निर्णय लि‍या जाएगा। पर्यावरण अनिवार्यता को शीघ्र समाप्त करने की दिशा में पहल की जाएगी।

ज्ञापन में संघ ने कहा है कि झारखंड लघु खनिज नियमावली के तहत मिट्टी खनन के लिए 3 मीटर तक गहराई करने का प्रावधान है। मजदूर हित, उद्योग हित, राज्य के विकास के लिए पर्यावरण स्वीकृति अनिवार्यता को समाप्त कर दी जाए। प्रतिनिधिमंडल में रांची जिला अध्यक्ष अभय नारायण तिवारी, सचिव रामदास साहू, प्रदेश सचिव अजीत राय चौधरी, मोहन साहू, मेराज अंसारी, कमल घई, अरुण सिंह भी शामिल थे।