- ’सी कार्गो चार्टर’ में शामिल होने वाली दुनिया की पहली स्टील उत्पादक कंपनी बनी
मुंबई। समुद्र के व्यापार में ‘स्कोप 3 ग्रीनहाउस गैस’ उत्सर्जन में कमी के अपने सस्टेनेबल उद्देश्यों और पहलकदमियों की दिशा में आगे बढ़ते हुए टाटा स्टील 3 सितंबर, 2021 को ‘सी कार्गो चार्टर (एससीसी)’ में शामिल हो गयी। इस प्रकार टाटा स्टील ‘सी कार्गो चार्टर’ पर हस्ताक्षर करने वाली पहली स्टील उत्पादक कंपनी बन गयी है। कंपनी वैश्विक समुद्री कार्गो के पर्यावरणीय प्रभावों को कम करने के लिए काम कर रहे एसोसिएशन में शामिल होने वाला 24वां संस्थान है।
इस पहल पर पीयूष गुप्ता (वाईस प्रेसिडेंट, सप्लाई चेन) ने कहा, ‘सस्टेनेबल परिचालनों में लगातार बेंचमार्क निर्धारित करने वाले स्टील उद्योग के एक लीडर के रूप में हमारे लिए यह जरूरी है कि हम ‘स्कोप 3’ उत्सर्जन को उसी तत्परता के साथ देखें। हमारा सीबोर्न ग्लोबल वॉल्यूम (समुद्री वैश्विक परिमाण) प्रति वर्ष 40 मिलियन टन से अधिक है, जिसके मद्देनजर यह सही ढंग से मापने और कुशलतापूर्वक व अभिनव तरीके से उत्सर्जन को कम करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है।‘
रंजन सिन्हा (चीफ ग्रुप शिपिंग व डायरेक्टर रॉ मैटेरियल प्रोक्योरमेंट) ने कहा, ‘सी कार्गो चार्टर पर हस्ताक्षर कर टाटा स्टील काफी खुश है। स्टील में एक अग्रणी वैश्विक खिलाड़ी के रूप में और इसके साथ-साथ, कॉर्पोरेट गवर्नेंस की हमारी एक त्रुटिहीन प्रतिष्ठा होने के कारण, सस्टनेबल शिपिंग की दिशा में प्रयास करने के लिए इंडस्ट्री सेक्टरों में दुनिया के अग्रणी संस्थानों के साथ हमारा हाथ मिलाना सर्वथा उचित कदम है। जबकि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ‘स्कोप 1 और 2’ उत्सर्जन पर ध्यान केंद्रित करता है, हम अनुपालन से परे सोचना चाहते हैं और स्कोप 3 उत्सर्जन पर कार्यवाही करना चाहते हैं। हम अपनी चार्टरिंग गतिविधियों को जिम्मेदार पर्यावरणीय व्यवहार के साथ संरेखित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।‘
’सी कार्गो चार्टर’ जलवायु से जुड़ी चार्टरिंग गतिविधियों का मूल्यांकन और खुलासा करने के लिए एक वैश्विक ढांचा है। यह मात्रात्मक मूल्यांकन और खुलासा करने के लिए एक कॉमन ग्लोबल बेसलाइन निर्धारित करता है कि क्या चार्टरिंग गतिविधियां संयुक्त राष्ट्र की समुद्री एजेंसी ‘द इंटरनेशनल मेरीटाइम ऑर्गनाइजेशन (आईएमओ) द्वारा निर्धारित जलवायु लक्ष्यों के अनुरूप हैं। आईएमओ की आरंभिक जीएचजी रणनीति शिपिंग गतिविधि द्वारा उत्पन्न कुल वार्षिक जीएचजी उत्सर्जन को 2050 तक 2008 के स्तर से कम-से-कम 50 प्रतिशत तक कम करने की बात करती है। यह रणनीति इस सदी में इन्हें जल्दी से जल्दी चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की दिशा में प्रयास करने पर केंद्रित है।
‘सी कार्गो चार्टर’ को अक्टूबर 2020 में लॉन्च किया गया था। वर्तमान में इस पहल में 24 हस्ताक्षरकर्ता शामिल हैं।