
पलामू। सरकारी कार्यालयों की त्रुटियों दूर की जायेगी। इसके लिए आयुक्त जटाशंकर चौधरी ने कार्य योजना तैयार की है। आयुक्त ने प्रमंडल क्षेत्र में निरीक्षण प्रक्रिया की शुरुआत की है। खुद समय-समय पर प्रमंडल क्षेत्र के तीनों जिलों में विभिन्न कायार्लयों का निरीक्षण कर त्रुटियों को दूर करने एवं सरकारी योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का निर्देश दिया है। आयुक्त ने पलामू, गढ़वा एवं लातेहार के उपायुक्त को विभिन्न कायार्लयों का निरीक्षण के लिए विशेष अभियान चलाने का आदेश दिया है।
आयुक्त ने सितंबर के द्वितीय सप्ताह से प्रत्येक सप्ताह किसी एक पदाधिकारी द्वारा किसी एक कायार्लय का निरीक्षण किये जाने की तालिका तैयार कराकर तीनों जिले के उपायुक्त को भेजा है। इसमें निरीक्षण की तिथि, निरीक्षण करने वाले पदाधिकारी को आवंटित सप्ताह एवं आवंटित कायार्लय में किसी तिथि को तय करने की स्वतंत्रता होगी। आयुक्त ने निरीक्षण के एक सप्ताह के अंदर निरीक्षण टिप्पणी की प्रति संबंधित जिले के उपायुक्त कायार्लय के साथ-साथ आयुक्त कायार्लय को भी उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। आयुक्त ने कहा कि पदस्थापन के बाद पदाधिकारियों द्वारा निरीक्षण प्रतिवेदन का अध्ययन करना आवश्यक है, ताकि कायार्लय कार्य में नियमानुसार आवश्यक संचिकाओं, पंजियों के संधारण में त्रुटियों को दूर किया जा सके।
समिति करेगा निरीक्षण टिप्पणी का अध्ययन
आयुक्त ने निरीक्षण के बाद प्राप्त निरीक्षण टिप्पणी के अध्ययन के लिए प्रमंडल के जिलों में उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति का गठन करने का निर्देश दिया है। समिति के सदस्य अपर समाहर्ता, जिला लेखा पदाधिकारी एवं कोई एक अनुमंडल पदाधिकारी होंगे। समिति निरीक्षण के बाद प्राप्त निरीक्षण टिप्पणी का अध्ययन कर कार्रवाई बिन्दु तैयार करेगी। आयुक्त द्वारा इसपर निरंतर मॉनिटरिंग कर त्रुटियों का निराकरण कायार्लय द्वारा कराने, कायार्लय कार्य का सुदृढ़िकरण करने एवं दोषी पदाधिकारियों/कमर्चारियों पर कारर्वाई सुनिश्चित करने का आदेश दिया है। समिति की बैठक प्रत्येक 15 दिनों में करने और प्रत्येक 15 दिनों पर कार्रवाई संबंधी अनुशंसा के साथ प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
कई वर्षो से नहीं हो रहा संपूर्ण निरीक्षण
आयुक्त ने कहा है कि प्रावधान होने के बावजूद पिछले कई वर्षो से कायार्लयों का निरीक्षण नहीं हो रहा है। इस कारण कायार्लय में विभिन्न पंजी, संचिकाओं का नियमानुसार संधारण नहीं हो रहा है। वरीय पदाधिकारी द्वारा पूर्व में किये गये निरीक्षण की निरीक्षण टिप्पणी एवं उसके अनुपालन प्रतिवेदन को भी ठीक से संधारित नहीं पाया जाता है। यहां तक की संबंधित पदाधिकारियों को भी कायार्लय निरीक्षण के संबंध में पर्याप्त जानकारी नहीं होती।
निरीक्षण को लेकर पदाधिकारियों को टास्क
आयुक्त ने पदाधिकारियों को निरीक्षी पदाधिकारी बनाते हुए विभिन्न कायार्लयों के निरीक्षण के लिए टास्क सौंपा है। अंचल कार्यालय के निरीक्षण के लिए संबंधित जिले के अपर समाहर्ता, अनुमंडल पदाधिकारी, बंदोबस्त पदाधिकारी को टास्क दिया गया है। प्रखंड कायार्लयों के निरीक्षण के लिए संबंधित जिले के उप विकास आयुक्त, डीआरडीए निदेशक, अनुमंडल पदाधिकारी आदि को निरीक्षी पदाधिकारी बनाया गया है।