रांची। झारखंड में हर्बल पार्क की स्थापना के लिए प्रयास शुरू हो गए हैं। इसका उद्देश्य हर्बल खेती को बढ़ावा एवं हर्बल उद्योगों के क्षेत्र अधिक अवसर का सृजन करना है। साथ ही, स्थानीय लोगों द्वारा क्षेत्र में हर्बल पौधों की खेती और उपयोग को लोकप्रिय बनाना है। झारखंड में पर्यटकों के आकर्षण के लिए प्रकृति आधारित हर्बल पर्यटन केन्द्र का विकास करना, हर्बल क्षेत्र में स्थायी आजीविका को बढ़ावा देना एवं हर्बल प्रसंस्करण उद्योग के क्षेत्र में हर्बल की खेती और उपयोग को लोकप्रिय बनाना है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर राज्य योजना अंतर्गत उद्यान विकास के तहत हर्बल पार्क स्थापना की परिकल्पना जल्द मूर्तरूप लेगी। कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग ने इस दिशा में कार्य करना आरंभ कर दिया है।
अध्ययन, अनुसंधान और पर्यटन को बढ़ावा
हर्बल पार्क स्थापना के पीछे अध्ययन, अनुसंधान और पर्यटन को बढ़ावा देना भी है। पार्क की स्थापना दुमका में प्रस्तावित है। पार्क स्थापना के प्रारंभिक चरण में राज्य में पाये जानेवाले हर्बल पौधों की सम्पदा को संरक्षित करने का प्रयास किया जायगा। बाद में महत्वपूर्ण विदेशी और दुलर्भ हर्बल पौधों की संपदा को पार्क में संरक्षित किया जायगा। हर्बल पार्क का विकास एक सुन्दर मनोरंजक एवं आरामदेह स्थल के रूप में होगा, जहां कई प्रकार के मनोरंजक और ज्ञानवर्धक क्रियाकलापों के साथ हर्बल पौधों से संबंधित विभिन्न प्रकार की जानकारी प्राप्त की जा सकेगी। जो न केवल उपयोगी होंगे, बल्कि मानव जीवन के सुख एवं आनंद के लिए लाभदायक साबित होंगे।
ये होगा हर्बल पार्क में
सुगंधित हर्ब गार्डन, स्पाइस हर्ब गार्डन, किचन हर्ब गार्डन, सजावटी जड़ी बूटी उद्यान, कॉस्मेटिक हर्ब गार्डन, सिंचाई नेटवर्क और सूक्ष्म सिंचाई व्यवस्था का विकास, पोस्टहार्वेस्ट जड़ी बूटी प्रसंस्करण, जड़ी बूटी तेल निष्कर्षण इकाई, हर्ब्स ऑयल डिस्टिलेशन यूनिट, आंवला जूस प्रोसेसिंग यूनिट, आंवला कैंडी बनाने की इकाई, एलोवेरा जेली और जूस प्रोसेसिंग यूनिट, जिंजर और हल्दी सुखाने की इकाई, हर्बल शैम्पू और साबुन बनाने की इकाई , हर्ब्स स्टोरेज कूलिंग यूनिट, जड़ी बूटी संरक्षण इकाई, प्रसंस्करण इकाई, हर्ब्स प्लांट नर्सरी, जैविक उर्वरक उत्पादन इकाई समेत अन्य सुविधाएं हर्बल पार्क में उपलब्ध कराई जाएंगी।
प्रस्ताव तैयार कर लिया गया
कृषि निदेशक निशा उरांव ने कहा कि हर्बल पार्क स्थापना का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। इसके माध्यम से स्थानीय लोगों की आजीविका सुनिश्चित करना एवं झारखंड में हर्बल खेती को प्लेटफॉर्म देना है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर कार्य को गति दी जा रही है। आनेवाले दिनों में पहली बार झारखंड में हर्बल पार्क की स्थापना होगी।