योगेश कुमार पांडेय
जमुआ (गिरिडीह)। तीनों कृषि कानून वापस लेने की मांग पर संयुक्त किसान संघर्ष मोर्चा ने 27 सितंबर को भारत बंद का आह्वान किया है। इसकी तैयारी सफलता को लेकर भाकपा माले, अखिल भारतीय किसान महासभा और झारखंड जनरल मजदूर यूनियन ने पूरी ताकत झोंक दी है। बंद के समर्थन में किसानों के साथ-साथ बड़े पैमाने पर गरीब मजदूरों को भी उतारने की तैयारी है।
इस क्रम में शनिवार को गिरिडीह के नजदीक सोनबाद में स्थानीय गरीब और मजदूरों की बैठक हुई। इसकी अगुवाई भाकपा माले के स्थानीय सचिव अशोक तुरी और दिनेश राय ने की। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों से ना सिर्फ किसान, बल्कि गरीब-मजदूरों की भी बर्बादी तय है। क्योंकि उन्हें भी काफी महंगा अनाज खाने को मिलेगा।
पार्टी नेता राजेश कुमार यादव ने कहा कि तीनों कृषि कानून देश के किसानों को कंपनियों के रहमों करम पर छोड़ देंगे। इसके बाद कृषि और उसके उपज पर कंपनियों की दखलंदाजी बढ़ेगी। इससे देश के सारे गरीब तबाह हो जाएंगे। उन्हें कई गुना अधिक कीमत पर अनाज खरीदने पड़ेंगे। इसलिए 10 महीने से जारी किसानों के इस आंदोलन के साथ तमाम गरीबों को एकजुट होकर खड़ा होने की जरूरत है। बंद की सफलता के लिए व्यापक तैयारी की गई है। इसकी पूर्व संध्या पर 26 सितंबर को मशाल जुलूस निकाला जाएगा।
बैठक में नेपाल मंडल, बिशन तुरी, दुखी तुरी, मनोज तुरी, सनी तुरी, अनिल तुरी, मानिक तुरी, सरजू तुरी, फागू तुरी, तनिक तुरी, सुनीता देवी, अनीता देवी, काली देवी, सुदामा देवी, शांति देवी, कौशल्या देवी, कलावती देवी, लीलावती देवी, लीलु देवी, इंदु देवी, नीतू देवी, माया देवी, चंदनी देवी, संजय तुरी, दीपक तुरी, रेशम तुरी, पिंटू तुरी, बद्री तुरी, दिनेश तुरी, मंटू तुरी, श्यामसुंदर तुरी समेत अन्य मौजूद थे।