गजब: केयर टेकर की हो गई नियुक्ति, सामुदायिक शौचालय का अता-पता नहीं

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स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत व्यवस्थाएं कर दी गईं पर मॉनीटरिंग में लापरवाही हो रही है। राजस्थान में कई गांव ऐसे हैं जहां सामुदायिक शौंचालय का निर्माण पूरा नहीं हो सका है। पर वहां केयर टेकर की तैनाती कर धनराशि तय की जाने लगी है।

राजस्थान में बीसलपुर के कई गांव में सामुदायिक शौचालय अभी भी अधूरे हैं। सरकार सामुदायिक शौंचालयों को पूरा कराए जाने पर जोर दे रही है। डीएम पुलकित खरे भी इस मामले को लेकर गंभीर हैं। गांव गांगूपुर में माह जून में सरकार के निर्देश पर शौचालय में तैनात किए गए केयर टेकर का प्रशिक्षण कार्य पूरा करा दिया गया। तय हुआ कि केयर टेकर को प्रतिमाह छह हजार रुपये मानदेय एवं तीन हजार रुपये शौचालय की साफ सफाई व उपकरण खरीदे जाने को दिए जाएंगे। कुल मिलाकर 9 हजार रुपये प्रतिमाह शौचालयों पर खर्च किए जाएंगे। यह जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को दी गई है।

ग्राम निधि से सीधा पैसा स्वयं सहायता समूह को जाएगा और स्वयं सहायता समूह केयर टेकर के खाते में प्रतिमाह रुपये भेजेंगे। गांव गांगूपुर में शौंचालय का निर्माण होना तो दूर केवल नींव भरी है। जबकि प्रधान के खाते से रुपये भी कट चुके हैं।