मुंबई। टाटा स्टील के छात्रवृत्ति कार्यक्रम ’वीमेन ऑफ मेटल’ के सीजन-5 की विजेता आईआईईएसटी, शिबपुर के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की छात्रा ऐश्वर्या राज बनीं। एनआईटी त्रिची से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग की छात्रा मृधुला वेंकटनारायणन ने प्रथम उपविजेता का स्थान हासिल किया। आईआईटी आईएसएम धनबाद से माइनिंग की छात्रा खुशबू कुंतल ने प्रथम उपविजेता का स्थान हासिल किया।
टाटा स्टील ह्यूमैन रिसोर्स मैनेजमेंट की वाईस प्रेसिडेंट अत्रेयी सान्याल ने कहा, ‘टाटा स्टील हमेशा सभी के लिए समान अवसर पैदा करने में विश्वास करती है। स्कॉलरशिप इनिशिएटिव ‘वूमेन ऑफ मेटल’ की अवधारणा प्रतिभाशाली महिलाओं को एक ऐसे क्षेत्र की ओर आकर्षित करने के लिए रची गई थी, जिसे दशकों से ‘पुरुष-प्रधान’ माना जाता रहा है। ‘वूमेन ऑफ मेटल’ का हर युवा मस्तिष्क इस क्रांतिकारी यात्रा का हिस्सा है, जो भविष्य में विभिन्न अपरंपरागत क्षेत्रों में नौकरियों का पता लगाने के लिए कई अन्य लोगों को प्रेरित करेगा।‘
फिनाले जूरी के एक सदस्य डीबी सुंदर रामम (वाइस प्रेसिडेंट, रॉ मैटेरियल्स, टाटा स्टील) ने कहा, ‘हर साल हम विशेष रूप से वास्तविक जीवन की तकनीकी समस्याओं को युवाओं के सामने रखते हैं। इन युवा विद्यार्थियों का उत्साह आश्चर्यजनक है, जिनके पास इस तरह के अभिनव और उद्यमी विचार हैं। देश के प्रमुख उद्योगों में से एक के रूप में स्टील उद्योग को भी महिलाओं के समान योगदान से बहुत लाभ होगा। हम भविष्य में अपनी कई पहलों और प्लेटफार्मों के माध्यम से कई और महिलाओं को सक्षम बनाने के लिए पूरी तरह से तत्पर हैं।‘
पिछले साल की तरह इस साल भी मौजूदा महामारी की स्थिति को देखते हुए वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। पांचवें संस्करण में अब तक की सबसे अधिक प्रविष्टियां प्राप्त हुईं। इनमें आईआईटी, एनआईटी और इसके जैसे अन्य संस्थानों समेत पूरे भारत के 50 से अधिक प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थानों से सेकेंड ईयर इंजीनियरिंग की 950 से अधिक छात्राओं की प्रविष्टियां शामिल थीं। इन वर्षों में यह मंच उत्तरोत्तर विकसित हुआ है और मैन्युफैक्चरिंग में एक आशाजनक कैरियर बनाने की यात्रा में महिला इंजीनियरों के लिए पहला कदम के रूप में कार्य करता है।
शीर्ष के 10 उम्मीदवारों को टाटा स्टील में कैरियर बनाने के अवसर के अलावा 2,00,000 रुपये की छात्रवृत्ति मिलती है। वे एक टेक्नीकल इंटर्न के रूप में टाटा स्टील में शामिल हो सकते हैं। बाद में एक प्री-प्लेसमेंट ऑफर (पीपीओ) प्राप्त कर सकते हैं। 11 से 30 रैंक वाले उम्मीदवारों को उनके इंजीनियरिंग कोर्स के तीसरे वर्ष में समर इंटर्नशिप का अवसर भी दिया जाता है।