अंतिम संस्‍कार के लिए स्‍वांग पीओ ने नहीं दिया कोयला, आंदोलन की तैयारी में लोग

झारखंड
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प्रशांत अंबष्‍ठ

बोकारो। सीसीएल कथारा क्षेत्र की स्वांग कोलियरी के परियोजना पदाधिकारी (पीओ) के खिलाफ लोग गोलबंद हो रहे हें। आंदोलन की तैयारी हो रही है। वे पीओ कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन करने का मूड बना रहे हैं। हजारी पंचायत के मुखिया और ग्रामीणों ने उनपर अड़ि‍यल रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। उन्‍होंने कहा कि मांगे जाने पर अंतिम संस्‍कार के लिए पीओ ने कोयला देने से इनकार कर दिया।  

हजारी पंचायत के मुखिया चंद्रदीप पासवान ने कहा कि‍ स्वांग कोलियरी के पीओ के रवैया और उनके व्यवहार से मर्माहत हूं। उनसे अंतिम संस्कार के लिए कोयला और लकड़ी की मांग की गई थी। उन्‍होंने देने से इनकार कर दि‍या। यह मानवता को शर्मसार करता है।

मुखिया ने कहा कि हजारी पंचायत, स्वांग दक्षिणी पंचायत और उत्तरी पंचायत के लोग स्वांग वाशरी और कोलियरी से दाह संस्कार के लिए वर्षों से कोयला और लकड़ी सहयोग के रूप में लेते रहे हैं। पंचायत प्रतिनिधि होने के नाते मैंने दाह संस्कार के लिए वर्तमान पीओ से कोयले की मांग की थी। उन्होंने साफ मना कर दिया।

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मुखिया ने कहा कि पीओ के इस रवैया से ग्रामीणों में रोष है। लोग उनके खिलाफ आंदोलन करने को तैयार हैं। मुखिया ने कहा कि‍ इस बाबत गोमिया विधायक डॉ लंबोदर महतो और कथारा क्षेत्र के महाप्रबंधक एमके पंजाबी सहित यूनियन के पदधारियों को भी जानकारी दी जाएगी। ऐसे पदाधिकारी के खिलाफ हजारी पंचायत की जनता गोलबंद होकर उनका विरोध करेगी। आंदोलन चलायेगी।

पासवान ने कहा कि परियोजना पदाधिकारी के आने के बाद रोड सेल का ऑफर बंद कर दिया गया है, जिससे स्वांग गोविंदपुर में ट्रक मालिक परेशान हैं। इतना ही नहीं, रोड सेल में कार्यरत हजारों मजदूर भी भुखमरी के कगार पर आ गए हैं। स्वांग कोलियरी से प्रतिदिन सैकड़ो टन कोयले की चोरी हो रही है। इन दिनों खुलेआम स्वांग कोलियरी के अंडरग्राउंड माइंस और जीरो प्‍वाइंट सहित स्टोर से लाखों रुपए के कीमती पार्ट्स की दिनदहाड़े चोर ले जा रहे हैं। प्रबंधन आंख पर पट्टी बांधे है।

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मुखिया ने कहा कि प्रबंधन द्वारा अपने क्षेत्र के विस्थापित गांव के लोगों के दाह संस्कार में कोयला और लकड़ी दिए जाने से इंकार कर दिया जाना सचमुच प्रबंधन का अमानवीय चेहरा उजागर करता है। इस संबंध में पूछे जाने पर योजना पदाधिकारी ने कहा कि उपलब्‍ध नहीं रहने के कारण कोयला नहीं दिया जा सका।