नई दिल्ली। बुधवार को राज्यसभा से पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण संशोधन बिल पारित हो गया। राज्यसभा से पारित होने के बाद अब इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जायेगा।
राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह एक कानून का रूप ले लेगा और राज्यों को ओबीसी सूची तैयार करने का अधिकार मिल जायेगा। राज्य सरकार सामाजिक और शैक्षणिक दृष्टिकोण से पिछड़े क्लास के हिसाब से अपनी राज्य सूची में संशोधन करने में सक्षम हो सकेगी। बता दें कि मंगलवार को लोकसभा से यह बिल पारित हो चुका है। लोकसभा में विधेयक के पक्ष में 385 मत पड़े, जबकि विपक्ष में एक भी वोट नहीं पड़ा।
इस सर्वसम्मति के बावजूद चर्चा के दौरान राजनीति खूब हुई और पक्ष और विपक्ष की ओर से यह जताने की कोशिश भी कि दूसरे पक्ष ने ओबीसी की चिंता नहीं की। राज्यों के अधिकार बहाली से जुड़े इस संविधान संशोधन विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने कहा कि इस विधेयक से संघीय व्यवस्था मजबूत होगी। राज्यों को फिर से उनके अधिकार मिलेंगे, जिसमें वे पहले की तरह ओबीसी जातियों की पहचान कर सकेंगे और उनकी सूची भी तैयार कर सकेंगे। ओबीसी के हित में वह और बेहतर तरीके से काम कर सकेंगे।