झारखंड के शहीद परिवार का अभिनंदन किया एनसीसी ने

झारखंड
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जमशेदपुर। स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर रक्षा मंत्रालय 15 अगस्‍त को देशभर के गैलंट्री अवार्ड विजेताओं का अभिनंदन समारोह कर रहा है। इस कड़ी में करीम सिटी कॉलेज के प्रांगण में झारखंड की एनसीसी की 37वीं बटालियन द्वारा इस क्षेत्र के दो शहीद परमवीर चक्र विजेता लांस नायक अल्बर्ट एक्का एवं सेना पदक विजेता सिपाही गणेश हादसा के परिजनों का अभिनंदन समारोह किया गया। इस अवसर पर लांस नायक अल्बर्ट एक्का के पुत्र विंसेंट एक्का एवं अनुज एक्का उपस्थित थे। साथ ही, शहीद गणेश हांसदा के पिता सुभदा हांसदा और माता कापरा हांसदा एवं उनके भाई दिनेश हादसा उपस्थित थे।

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एनसीसी की ओर से ग्रुप कमांडर ब्रिगेडियर मनीष त्रिपाठी, कमाडिंग ऑफिसर 37वीं बटालियन कर्नल संजय शांडिल्य और करीम सिटी कॉलेज के प्राचार्य डॉ मोहम्मद रियाज ने शहीदों के परिजनों की अगवानी की। इसके बाद सभी ने सम्मिलित रूप से स्मृति दीप प्रज्वलित किया।

कॉलेज के मास कम्युनिकेशन विभाग की ओर से लघु फिल्म शौर्य का सफर भारतीय सेना के पिछले 75 बरस के शौर्य और पराक्रम के इतिहास को प्रस्तुत किया गया। दोनों शहीदों की शहादत के विषय में जानकारी दी गई। शहर की जानी-मानी कलाकार सुमन प्रसाद ने अपनी लाइव प्रस्तुति में 10 मिनट के भीतर गणेश हांसदा का चित्र तैयार करके सभी को चकित कर दिया। कार्यक्रम की संचालिका एवं मास कम्युनिकेशन विभाग की प्रमुख डॉ नेहा तिवारी ने शहीदों का जीवन परिचय दर्शकों के सामने रखा।

लांस नायक अल्बर्ट एक्का ने भारत-पाकिस्तान के बीच हुए 1971 के युद्ध में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वे 3 दिसंबर 1971 को गंगासागर नामक क्षेत्र में शहादत दी थी। लांस नायक अल्बर्ट एक्का को भारत सरकार की ओर से परमवीर चक्र प्रदान किया गया है। गणेश हांसदा की पहली ही पोस्टिंग लद्दाख के गलवान क्षेत्र में हुई थी, जहां पिछले बरस हुई चीन के साथ झड़प में अपनी वीरता और साहस का परिचय देते हुए 15 जून, 2020 को वह शहीद हुए थे। भारत सरकार की ओर से उन्हें सेना मेडल प्रदान किया गया है।

प्रशस्ति पाठ के बाद दोनों शहीदों के परिजनों का शॉल ओढ़ाकर और तोहफे देकर अभिनंदन किया गया। बातचीत के क्रम में अल्बर्ट एक्का के पुत्र ने बताया कि वह बेहद गर्व महसूस करते हैं कि वे एक शहीद पुत्र हैं। उन्होंने अपनी बांग्लादेश की यात्रा का जिक्र करते हुए बताया कि जब उन्होंने अपने पिता का शहीद स्थल देखा, तब हतप्रभ रह गए कि कितनी विकट परिस्थितियों में उनके पिता और साथी सैनिकों ने इस लड़ाई को अंजाम दिया होगा। वह भारत सरकार और बांग्लादेश सरकार दोनों की ओर से मिले सम्मान से प्रसन्न नजर आए।

गणेश हांसदा के भाई दिनेश हादसा ने भी कहा कि उन्हें भाई को खोने का दुख तो जरूर है, पर इस बात का बहुत गौरव है कि उनका भाई इस देश की रक्षा के काम आ सका। एनसीसी कैडेट विश्वास ने गणेश हांसदा को अपना प्रेरणास्रोत बताते हुए कहा कि वह भी भविष्य में एनसीसी के बाद सेना से जुड़ना चाहते हैं।

कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संजय शांडिल्य ने कहा कि यह गौरव की बात है कि गणेश हांसदा एनसीसी की सैतीसवीं बटालियन से जुड़े रहे और उसके बाद सेना में गए। कार्यक्रम के अंत में रांची से आए एनसीसी के ग्रुप कमांडर ब्रिगेडियर मनीष त्रिपाठी ने कहा कि शहादत का अर्थ परिवार से बेहतर कोई नहीं समझ सकता। तमाम युवाओं को इन शहीदों से प्रेरणा लेने की जरूरत है।

कार्यक्रम के दौरान करीम सिटी कॉलेज के प्राचार्य डॉ मोहम्मद रियाज, कॉलेज के एनसीसी के कमांडर कैप्टन डॉ फखरुद्दीन अहमद, एनसीसी बटालियन की ओर से लेफ्टिनेंट कर्नल दीपक कुमार और शहर के विभिन्न कॉलेजों के एनसीसी कोऑर्डिनेटर मौजूद थे। कोविड- 19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए इस समारोह का आयोजन किया गया। इसकी सफलता मे एनसीसी के कैडेटों और मास कम्युनिकेशन विभाग ने विशेष भूमिका निभाई।

उल्लेखनीय है कि 15 अगस्त 2021 को भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे करेगा। इस उपलक्ष्य में रक्षा मंत्रालय की पहल पर देश की जल, थल और वायु सेना, बीआरओ और राष्ट्रीय कैडेट कोर देश के 75 शहरों में 752 गैलंट्री अवॉर्ड विजेताओं का अभिनंदन समारोह आयोजित कर रहे हैं, ताकि देश के युवा उनके साहस और बलिदान से प्रेरणा ले सकें।