मध्य प्रदेश। कोई ‘मुर्दा’ भी भला फरियाद कर सकता है। आपके जवाब होगा नहीं। हालांकि राज्य में एक ‘मुर्दा’ के फरियाद लेकर कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचने का मामला सामने आया है। यह घटना राज्य के शिवपुरी जिले का है।
यहां के कलेक्ट्रेट परिसर में एक ‘मुर्दा’ पहुंचा। उसने खुद को जिंदा साबित करने के लिए एडिशनल जिला पंचायत सीईओ से गुहार लगाई। उसने एडिशनल जिला पंचायत सीईओ से कहा, ‘हुजूर! मैं जिंदा हूं’।
यह पूरा मामला शिवपुरी जिले के खनियाधाना की ग्राम पंचायत काली पहाड़ी का है। इस गांव के रहने वाले शेर सिंह यादव (43) पिछले 8 साल से खुद को जिंदा साबित करने के लिए दर-दर भटक रहे हैं। थक हारकर वह शिवपुरी कलेक्ट्रेट पहुंचे। जहां एडिशनल जिला पंचायत सीईओ महेंद्र कुमार जैन को अपनी कहानी सुनाई। शेर सिंह की फरियाद सुनकर सीईओ के साथ वहां मौजूद हर कोई दंग रहा गया।
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भुक्तभोगी ने बताया कि ग्राम पंचायत के सेक्रेटरी और सरपंच ने साल 2013 में उसे उसके परिवार आईडी में मृत घोषित कर दिया है। वह बीते 8 साल से सेक्रेटरी और सरपंच से खुद को जिंदा घोषित करने की गुहार लगा रहा है। हालांकि उसकी सुनवाई नहीं हो रही है।
मुक्तभोगी ने बताया कि उसे मृत घोषित कर दिये जाने के कारण राशन की दुकान से उसे राशन नहीं मिल रहा। किसी सरकारी योजना का लाभ उसे नहीं मिल पा रहा है। खुद को जिंदा साबित करने के लिए कोरोना लॉकडाउन के समय जिला कलेक्टर की जनसुनवाई में भी गुहार लगा चुका है। हालांकि अभी तक समस्या का निराकरण नहीं हुआ है।
पूरा मामले जानने के बाद एडिशनल जिला पंचायत सीईओ महेंद्र कुमार जैन ने उसे इंसाफ का भरोसा दिलाया। साथ ही, दोषी कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की करने की बात कही।