आनंद कुमार सोनी
लोहरदगा। हिंडाल्को के रोपवे से बॉक्साइड लदा बोकेट (ट्रॉली) खेत में गिर गया। इससे खेत में लगी हजारों रुपये की फसल बर्बाद हो गई। आये दिन ट्रॉली विभिन्न इलाकों में गिरता रहता है। कई बार लोगों की मौत भी हो गई है। लोग रोपवे से ट्रॉली के परिचालन पर रोक लगाने की मांग कई बार कर चुके हैं। हालांकि इसपर ना तो प्रशासन और ना ही हिंडाल्को प्रबंधन की ध्यान देता है।
जानकारी के मुताबिक रोपवे के माध्यम से बॉक्साइड बगडु से लोहरदगा लाया जाता है। बमनडीहा (बमनडीहा, कुटूमु) के सीमाना क्षेत्र में खेतों में लगभग 10 से 12 ट्रॉली 31 अगस्त को गिर गई है। इससे किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, किंतु किसानों की हजारों रुपये की फसल बर्बाद होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
बीते दिनों घनी आबादी वाले शहरी क्षेत्र के शास्त्री नगर ढोंढाटोली में बोकेट गिर गया था। इससे तीन बाईक समेत एक मकान को भारी क्षति हुई थी। इलाके में रोपवे ट्रॉली के नीचे से अक्सर लोगों का आवागमन होता रहता है। घर के दरवाजे से निकलते ही उन्हें खतरे का सामना करना पड़ता है। पूर्व में भी ऐसी कई घटनाएं हो चुकी है।
स्थानीय लोगों के मुताबिक इसी मुहल्ले के एक बच्चे की जान भी बोकेट गिरने से जा चुकी है। जान जाने के बाद सुरक्षा गार्ड के तौर पर जाली लगा दी गई थी। लोगों के अनुसार रोपवे ब्रिटिश जमाने का लगा हुआ है। पुराना और कमजोर हो चुका है। सुरक्षा गार्ड के 20 फीट ऊपर से ट्रॉली से माल ढुलाई होती है। इसके टूटकर गिरने के बाद जानमाल की हानि होती ही है सकती है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि कंपनी सिर्फ अपना फायदा देखती है। दिन-रात बॉक्साइट की ढुलाई ट्रॉली से करती है। ट्रॉली में बॉक्साइट ओवरलोड रहता है। इससे ध्वनि प्रदूषण भी होता है। रोपवे के आसपास के इलाकों के लोगों का जीना दूभर हो गया है। लोगों में हमेशा भय व्याप्त रहता है। ध्वनि प्रदूषण से छात्रों की पढ़ाई पर प्रभाव पड़ता है। लोगों को नींद नहीं आती है। इससे उन्हें कई प्रकार की बीमारी भी हो रही है।