शिक्षण केंद्र का शुभारंभ, लाभांवित होंगे स्लम क्षेत्रों के 600 से अधिक बच्चे

झारखंड
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जमशेदपुर। जमशेदपुर मरीन ड्राइव से लगे लगभग 15 स्लम समूहों में रहने वाले 600 से अधिक स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों की शिक्षा में फिर से निरंतरता आ गई है। 15 अगस्त, 2021 को झुग्गियों में बसने वाले समुदाय, कुडी महंती चिरेन्स अपॉर्चुनिटीज (केएमसीओ) ट्रस्ट और टाटा स्टील फाउंडेशन (टीएसएफ) द्वारा संयुक्त रूप से 15 लर्निंग सेंटर (शिक्षण केंद्र) का उद्घाटन किया गया, ताकि बच्चों के लिए सीखने का एक सहज वातावरण व अवसर तैयार किया जा सके।

ये शिक्षा केंद्र फाउंडेशन के ‘मस्ती की पाठशाला’ कार्यक्रम से जुड़े हैं, जो जमशेदपुर की  झुग्गी बस्तियों के बच्चों के लिए आवासीय और गैर-आवासीय ब्रिज स्कूलों का संचालन करता है। यह उद्यम मरीन ड्राइव के किनारे बसने वाले स्लम समुदाय के साथ गहन जुड़ाव का परिणाम है, जिसमें इन केंद्रों के दायरे का पता लगाने के लिए सर्वेक्षण भी शामिल है।

स्थानीय नेता चुनाराम बास्के के नेतृत्व में समुदाय के लोगों ने केएमसीओ और टीएसएफ के साथ मिल कर केंद्र का निर्माण किया है, जो बच्चों की शिक्षा में दूरी को पाटने और उन्हें वापस स्कूलों में लाने के लिए एक विशेष पाठ्यक्रम उपलब्ध कराएगा। समुदाय से शिक्षकों के रूप में चिन्हित स्नातक और स्नातकोत्तर के विद्यार्थियों द्वारा शिक्षा प्रदान की जाएगी।

समुदाय में स्नेह से मांझी बाबा के रूप में लोकप्रिय बास्के ने बताया, ‘हमने इन बच्चों को भटकते देखा है, जो कुछ नहीं सीखते हैं, न ही कोई शिक्षा प्राप्त करते हैं। हमें डर था कि उनका भाग्य हम से भी बदतर न हो जाए। इसलिए, इन बच्चों के लिए नियमित शिक्षा की यथाशीघ्र शुरूआत सुनिश्चित करने के लिए यह लर्निंग ब्रिज आवश्यक था। शिक्षक हमारे समुदाय से हैं और इसलिए वे बच्चों के भावनात्मक दिमाग के साथ-साथ उनकी अनिश्चित जीवन स्थितियों से अवगत हैं, इस प्रकार, इन बच्चों के लिए उनसे बेहतर शिक्षक कोई नहीं हो सकता।’ 

एक चयनित शिक्षिका खुशबू कुमारी से जब पढ़ाने के उनके निर्णय के बारे में पूछा गया, तब उन्होंने स्पष्ट रूप से जवाब दिया, ‘हम जानते हैं कि अगर हम इन बच्चों को नहीं संभालेंगे, तो वे नशे के आदी बन जाएंगे। इनमें से अधिकांश को इस बात का ज्ञान नहीं है कि वास्तव में स्थिति कितनी गंभीर है और उनके माता-पिता दैनिक वेतन भोगी हैं। यदि हम आगे नहीं आते हैं, तो हम जल्दी-ही इन बच्चों को अपराध करते और अनुचित साधनों का सहारा लेते हुए देखेंगे।‘

उद्घाटन के अवसर पर टाटा स्टील रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी (टीएसआरडीएस) यूनियन के अध्यक्ष राकेश्वर पांडे, केएमसीओ ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी निरूप मोहंती और टाटा स्टील के कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी के चीफ सौरव रॉय आदि उपस्थित थे।

इस मौके पर समुदाय के बच्चों द्वारा एक लघु सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जो यह प्रदर्शित करने के लिए काफी था कि इन बच्चों में अपार क्षमता है और सही मार्गदर्शन दिए जाने पर वे कितनी ऊंचाई छू सकते हैं।

रॉय ने कहा, ‘यह यात्रा आसान नहीं होगी, लेकिन हम जल्दी ही आप लोगों के साथ लक्ष्य तक पहुंचेंगे और आप सभी हमारे साथ होंगे।‘