कंबल खरीद गड़बड़ी में झारक्राफ्ट के दोषी अफसरों पर कार्रवाई की सीएम की मंजूरी

झारखंड मुख्य समाचार
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रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारक्राफ्ट द्वारा कंबल की खरीदारी में बरती गई अनियमितता की जांच के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) से जांच से संबंधित अद्यतन स्थिति की जानकारी प्राप्त करने और झारक्राफ्ट के दोषी पदाधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक और दंडात्मक कार्रवाई प्रारंभ करने के लिए झारक्राफ्ट के प्रबंध निदेशक को निर्देश देने संबंधी प्रस्ताव को अपनी स्वीकृति दे दी है। ज्ञात हो कि झारक्राफ्ट द्वारा हरियाणा के पानीपत से कंबल की खरीदारी की गई थी।

यह है पूरा मामला

झारक्राफ्ट रांची और कतिपय समितियों द्वारा हरियाणा के पानीपत से कंबल क्रय में हुई अनियमितता एवं आपूर्ति की गड़बड़ी को लेकर तत्कालीन मुख्य सचिव को जनवरी, 2018 में जांच कराने को लेकर आवेदन दिया गया था। इसके प्रसंग में उक्त तथ्यों की जांच के लिए तत्कालीन विकास आयुक्त द्वारा विभागीय सचिव को निर्देश दिया गया था। इसके बाद महालेखाकार से अनियमितता के संबंध में ऑडिट कराया गया। महालेखाकार कार्यालय  द्वारा कंबल उत्पादन से लेकर कंबल आपूर्ति में हुई गड़बड़ियों को उजागर किया गया। इसके बाद पूरे मामले की संयुक्त रूप से जांच कराई गई। फिर तत्कालीन प्रबंध निदेशक झारक्राफ्ट द्वारा जांच प्रतिवेदन विकास आयुक्त को सौंपा गया। कंबल आपूर्ति में अनियमितता की बात स्वीकार की गई। इस प्रतिवेदन पर विकास आयुक्त ने मामले की अद्यतन स्थिति और अनियमितता पर कृत कार्रवाई की प्रतिवेदन की मांग झारक्राफ्ट से की गई।

अनियमितता में कौन-कौन शामिल

झारक्राफ्ट द्वारा 23 फरवरी, 2018 को विस्तृत जांच प्रतिवेदन प्रेषित किया गया। इस जांच प्रतिवेदन में एनएचडीसी के पदाधिकारी, धागा आपूर्ति पदाधिकारी, ट्रांसपोर्टर, नसीम अख्तर, तत्कालीन उप महाप्रबंधक झारक्राफ्ट अशोक ठाकुर, मुख्य वित्त पदाधिकारी झारक्राफ्ट एवं श्रीमती रेनू गोपीनाथ पणिक्कर, मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी झारखंड की अनियमितता में शामिल होने की संभावना बताई गई। झारक्राफ्ट के प्रबंध निदेशक द्वारा श्रीमती रेनू गोपीनाथ पणिक्कर, मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, अशोक ठाकुर, मुख्य वित्त पदाधिकारी झारक्राफ्ट से स्पष्टीकरण की मांग की गई। इसके बाद झारक्राफ्ट द्वारा बताया गया कि कंबल निर्माण के लिए खरीद की विहित प्रक्रिया नहीं अपनाई गई। इसके उपरांत विभिन्न प्रक्रियाओं के तहत इस मामले की विस्तृत जांच का जिम्मा एसीबी को सौंप दिया गया।