- कोरोना काल में सीसीएल के कार्यों और सीएसआर पर मंत्री ने सांसद से ली जानकारी
रांची। केंद्रीय कोयला एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी से 1 जुलाई को रांची के सांसद संजय सेठ ने नई दिल्ली में मुलाकात की। इस दौरान सेठ ने उन्हें कोयला खनन क्षेत्र खलारी की जन समस्याओं से अवगत कराया। रांची क्षेत्र में सीसीएल द्वारा किए गए कार्यों पर विस्तृत चर्चा की।
सांसद ने बताया कि केंद्रीय मंत्री से खलारी क्षेत्र में कोयला उत्खनन और नागरिक सुविधाओं के विस्तार पर विस्तृत चर्चा हुई। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को नागरिकों की समस्याओं से अवगत कराया। उनसे आग्रह किया कि कोयला खनन वाले क्षेत्रों में नागरिकों का जीवन स्तर ऊंचा उठे। उन्हें बुनियादी सुविधाएं मिल सके। इसके लिए कार्य करने की जरूरत है। मंत्री ने आश्वस्त किया कि कोयला खनन वाले क्षेत्रों के विकास के प्रति वे गंभीर हैं। जिन क्षेत्रों से कोयले का उत्खनन हो रहा है, वहां के नागरिकों का जीवन स्तर ऊंचा उठे। उन्हें सुविधाएं मिले, इस बात को लेकर वे लगातार कार्य कर रहे हैं।
सांसद ने मंत्री से आग्रह किया कि वे एक बार खलारी क्षेत्र का दौरा करें, ताकि क्षेत्र की समस्याओं को और करीब से देखा जा सके। उनके आग्रह पर मंत्री ने सहमति दी। कहा कि लोकसभा के मानसून सत्र के बाद वह खलारी का दौरा करेंगे। मुलाकात के क्रम में केंद्रीय मंत्री ने सेठ से क्षेत्र में सीसीएल द्वारा किए जा रहे कार्यों से संबंधित जानकारी मांगी। कोरोना काल में सीसीएल के द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी प्राप्त की। सांसद ने कहा कि सीसीएल द्वारा कोरोना से बचाव और राहत के लिए अच्छे काम किए गए।
मंत्री ने सांसद से तीसरी लहर को लेकर रांची संसदीय क्षेत्र में चल रही तैयारियों पर भी जानकारी मांगी। उन्हें आश्वस्त किया कि कोयला मंत्रालय की तरफ से क्षेत्र के नागरिकों की जो भी जरूरत होगी, वे उसे अवश्य पूरा करेंगे। सेठ ने उनसे आग्रह किया कि नागरिकों को अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य व्यवस्था और उनके जीवन-बसर के लिए संसाधन को विस्तार दिया जाए। इसके अतिरिक्त सांसद सेठ ने रांची लोकसभा सहित झारखंड के राजनीतिक परिदृश्य पर भी उनसे विस्तृत चर्चा की।
सेठ ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने पूरे मामले को गंभीरता से लिया है। विशेष रूप से सीसीएल के सीएसआर के मामले में मंत्री ने कहा कि सीएसआर के तहत हो रहे कार्यों पर सरकार की नजर है। सीएसआर का पैसा नागरिकों के जीवन स्तर को सुधारने में खर्च हो, इस बात को लेकर केंद्र सरकार गंभीर है। इस पर काम भी चल रहे हैं।