मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में प्राथमिक शिक्षकों की प्रोन्नति का मामला हो शामिल : संघ

झारखंड
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रांची। मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन 30 जुलाई को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की समीक्षा बैठक कर रहे हैं। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने इसमें प्राथमिक शिक्षकों की प्रोन्नति एवं न्यायिक मामलों को समीक्षा के मुख्य बिंदु में शामिल करने की मांग की है। इस संबंध में संघ के पदधारी ने मुख्‍यमंत्री को पत्र लिखा है।

संघ के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष विजेंदर चौबे, महासचिव राममूर्ति ठाकुर और मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने कहा कि प्रोन्नति से संबंधित कार्यों की प्रमुखता सूची में शामिल नहीं किए जाने के कारण अब तक राज्य के मध्य विद्यालयों में प्रधानधापको की स्वीकृत पद 3192 में  3046 पद रिक्त हैं। मात्र 144 पदों पर प्रधानाध्‍यापक कार्यरत हैं। इस तरह राज्य के 95% मध्य विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों के पद रिक्त पड़े हैं।

राज्य के हजारीबाग, साहेबगंज, सिमडेगा, चतरा, लोहरदगा, सरायकेला, खरसावां खूंटी रामगढ़, पाकुड़, कोडरमा जिले प्रधानाध्यापकविहीन हैं। इतना ही नहीं रांची, बोकारो, धनबाद पश्चिमी सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम, जामताड़ा देवघर, गुमला, गढ़वा, गिरिडीह, लातेहार, गोड्डा में मात्र इकाई अंक में प्रधानाध्यापाक हैं।

पदधारियों ने कहा कि राज्य के मध्य विद्यालयों में विषय आधारित प्रशिक्षित शिक्षकों की स्थिति प्रोन्नति से भरे जाने के लिए सुरक्षित रखे गए पदों की संख्या के अनुसार स्वीकृत पद 6683 हैं। इसके विरुद्ध कार्यरत संख्या 2911 है, जबकि 3772 पद रिक्त है। यह महज 56% है। राज्य गठन से अब तक प्रोन्नति कार्य को पूर्ण करने की दिशा में काम नहीं हुआ है। सैकड़ों न्याय आदेश कोर्ट ने दिये हैं। बावजूद इसके प्रोन्नति के प्रति विभाग गंभीर नहीं है। हजारों शिक्षक बिना प्रोन्नति सेवानिवृत्त होते जा रहे हैं। कई काल के गाल समा गए हैं।

संघ का मानना है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए रिक्त पड़े पदों को भरना जरूरी है। जब तक पद भरे नहीं जाएंगे, तब तक बेहतर शिक्षा की कल्पना करना बेमानी बात होगी। इसके लेकर शिक्षकों को प्रोन्‍नत किया जाना भी जरूरी है।

संघ ने कहा कि राज्‍य के 7000 शिक्षक और शिक्षिका अंतर जिला स्‍थानांतरण को लेकर परेशान हैं। इसके भी समीक्षा बैठक के मुख्‍य बिंदु में शामिल किया जाए।