नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संकट में फंसे बैंकों के ग्राहकों बड़ी राहत दी है. इसके तहत अब बैंक के डूबने पर उसके ग्राहकों को 90 दिन के भीतर 5 लाख रुपये तक की रकम वापस मिल सकेगी.
केंद्रीय कैबिनेट ने इसके लिए डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन एक्ट, 1961 में संशोधनों को मंजूरी दे दी है. कैबिनेट के इस कदम का उद्देश्य पीएमसी बैंक, यस बैंक और लक्ष्मी विलास बैंक जैसे मामलों में बैंकों के ग्राहकों की मुश्किलों को कम करना है. इससे बैंक के मॉरेटोरियम के तहत आने पर डिपॉजिटर्स 90 दिन के भीतर 5 लाख रुपये तक निकाल सकेंगे.उन्हें अपना पैसा निकालने के लिए रिजर्व बैंक के फैसले का इंतजार नहीं करना होगा. केंद्र सरकार ने किसी भी बैंक के नियमित कामकाज को निलंबित करने या रिजर्व बैंक की ओर से निगरानी में रखने पर डिपॉजिट इंश्योरेंस कवर को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है.
बता दें कि बैंकों में 5 लाख रुपये तक की जमा राशि की सुरक्षा की गारंटी डीआईसीजीसी की ओर से होती है. डिपॉजिट बीमा के प्रावधानों के मुताबिक, बैंक के दिवालिया होने या उसका लाइसेंस रद्द होने पर 5 लाख रुपये तक का ही भुगतान जमाकर्ता को किया जाता है, भले ही खाते में उससे ज्यादा रकम जमा हो।