गिरिडीह। छठी जेपीएससी परीक्षा रद्द करने और रोजगार की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने डुमरी एसडीओ कार्यालय के समक्ष 12 जुलाई को प्रदर्शन किया। इससे पहले अभ्यार्थियों ने बैठक की। राज्यव्यापी आंदोलन की रणनीति बनाई। राज्य के 24 जिलों में चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करने पर सहमति बनी।
प्रदर्शन के दौरान अभ्यर्थियों ने ‘हेमंत सरकार छठी जेपीएससी रद्द करो’, ‘दोषियों को बर्खास्त करो’, ‘खतियान के आधार पर नियोजन नीति लागू करो’, ‘रोजगार दो’ आदि नारे लगाये। उन्होंने कहा कि यह उलगुलान झारखंड में मांगें पूरी होने तक जारी रहेगा।
अभ्यर्थियों ने कहा कि छठी जेपीएससी परीक्षा में गलत ढंग से चयनित 326 अधिकारियों को हाईकोर्ट ने सात जून को अवैध घोषित कर दिया। जेपीएससी के दोषी अफसरों पर कार्रवाई की आदेश दिया है। हालांकि हेमंत सरकार ने अभी तक उन अवैध अधिकारियों को पद मुक्त नहीं किया है। ना ही दोषी अधिकारियों पर कोई कार्रवाई हुई है। इससे झारखंड के युवाओं में सरकार के प्रति निराशा और आक्रोश बढ़ती जा रहा। अभ्यर्थी छठी जेपीएससी परीक्षा पूरी तरह से रद्द करने की मांग लगातार कर रहे हैं।
मोके पर अभ्यार्थी में ने कहा कि गलत ढंग से चयनित सभी 326 अधिकारियों को सरकार बर्खास्त करें। पूरी परीक्षा रद्द कर नये सिरे से परीक्षा आयोजित करें। मैट्रिक-इंटर की नीति झारखंड विरोधी है। यहां के गरीब छात्र सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं। झारखंड से रहने वाले बाहरी के बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ते हैं, जो सभी नौकरी पर आसानी से कब्जा कर लेंगे। खतियान आधारित नियोजन नीति बनाने की मांग की।
अभ्यर्थी सफी इमाम ने कहा कि जेपीएससी भ्रष्टाचार की जड़ है। यहीं से भ्रष्टाचार झारखंड में फैल रहा है। उन्होंने झारखंड के युवा और बुद्धजीवियों से गुजारिश की की जेपीएससी में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठायें। झारखंड को भ्रष्टाचार मुक्त बनायें। गुलाम हुसैन और अन्य द्वारा पंचायत सचिव की बहाली जल्द से जल्द करने की मांग की गई।
कृष्ण किशोर ने कहा खतियान आधारित नियोजन नीति बनाना होगा। परवेज आलम ने कहा कि झारखंड में खाली पड़े पदों पर जेपीएससी/जेएसएससी के माध्यम से बेरोजगार युवकों को रोजगार मिलना चाहिए। युवा झारखंड बनने के बीस वर्ष बाद भी रोजगार के लिए भटक रहे हैं। यह चिंता की बात है।
आंदोलनरत अभ्यर्थियों में सफी इमाम, कृष्ण किशोर, राजेश ओझा, परवेज आलम, गुलाम हुसैन, विजय कुमार, रुईश कौशर, विपिन मुखर्जी, नरेश रजक, राकेश कुमार, अब्दुश सलाम, चन्दन अकिंचन, स्थानीय प्रमुख, मुखिया, स्थानीय निवासी आदि मौजूद थे।