रांची। झारखंड के स्कूलों में चल रहे मध्याह्न भोजन का अंकेक्षण ढाई साल में भी पूरा नहीं हो पाया है। शिक्षा सचिव की विशेष बैठक में यह बात सामने आई। इस क्रम में यह बात भी सामने आई कि चार्टर्ड एकाउंटेंटों को इस काम में सहयोग नहीं मिलता है। इसके बाद सचिव सख्त हो गये। उन्होंने 30 दिनों में अंकेक्षण पूरा करने का निर्देश दिया। जिला शिक्षा अधीक्षक और स्कूलों को कई निर्देश दिये।
कठिनाईयों एवं उसके समाधान पर चर्चा
जानकारी के मुताबिक इस संबंध में शिक्षा सचिव राजेश कुमार शर्मा की अध्यक्षता में 5 जुलाई, 2021 को मध्याह्न भोजन योजना के वैधानिक अंकेक्षण कार्य में शामिल सभी चार्टर्ड एकाउंटेंटों की विशेष बैठक हुई। बैठक में विगत ढाई वर्षों से चार्टर्ड एकाउंटेंट द्वारा संपादित किये जा रहे वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2017-18 तक के अंकेक्षण कार्य और उसके संपादन में उत्पन्न कठिनाईयों एवं उसके समाधान पर चर्चा की गयी।
31 जनवरी, 2019 से चल रहा है अंकेक्षण
सचिव ने अलग-अलग सभी सीए से बातचीत कर अंकेक्षण के दौरान उत्पन्न कठिनाइयों के बारे में जानकारी प्राप्त की। सचिव ने कहा कि 31 जनवरी, 2019 से विभिन्न जिलों के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना का अंकेक्षण कार्य चल रहा है, जो अब समाप्त नहीं हुआ है। सभी सीएम द्वारा अबतक पूर्ण अंकेक्षण प्रतिवेदन समर्पित नहीं किया जा सका है। इसके कारण अंकेक्षण प्रतिवेदन के समेकन (Compilation) का काम पूर्ण नहीं हो सका है।
इन समस्याओं से जूझ रहे हैं सीए
चर्चा के दौरान सीएम ने को बताया कि स्कूलों में दस्तावेज संधारित नहीं हैं। अंकेक्षण कराने के लिए निर्धारित तिथि को उपस्थित नहीं होने के कारण अंकेक्षण सम्पन्न कराने में देरी हो रही है। कई बार जिला शिक्षा अधीक्षक को इस संबंध में सूचित किया गया। जिला शिक्षा अधीक्षकों द्वारा रोस्टर बनाकर स्कूलों को अंकेक्षण के लिए उपस्थित होने के लिए निर्देश दिया गया, लेकिन उपस्थित नहीं होने के कारण अंकेक्षण दल को बिना काम किये वापस लौट आना पड़ा है। अअंकेक्षित (Unaudited) विद्यालयों की सूची सीए को उपलब्ध करायी गयी, लेकिन अंकेक्षित एवं अअंकेक्षित स्कूलों के आकड़ों पर मत भिन्नता पायी गयी।
सचिव ने दिये ये निर्देश
सभी जिला शिक्षा अधीक्षक वर्षवार विद्यालयों का पता सहित विवरण अंकेक्षण कार्य में संलग्न सीए एवं प्राधिकरण कार्यालय को अविलंब उपलब्ध करायेंगे।
जिला शिक्षा अधीक्षक अंकेक्षण के लिए शेष विद्यालयों की सूची बनाकर एक शिड्यूल बनायेंगे। उन अअंकेक्षित (Unaudited) विद्यालयों को निर्धारित तिथि को सीआरपी पर लेखाभिलेखों के साथ उपस्थित होकर अंकेक्षण कराने का निर्देश देंगे। यह काम 15 दिनों के अंदर हर हालत में पूर्ण करना है। इसकी सूचना संबंधित सीए एवं प्राधिकरण को भी दी जायगी।
उक्त अवधि में अगर कोई विद्यालय किसी अपरिहार्य कारण से सीआरपी में उपस्थित होकर अंकेक्षण नहीं कराता है, तो उसे एक अंतिम अवसर प्रदान करते हुए जिला मुख्यालय में लेखाभिलेखों के साथ अंकेक्षण के लिए निर्धारित तिथि को उपस्थित होने का निर्देश देंगे। इसकी सूचना संबंधित सीए एवं प्राधिकरण को भी दी जायगी।
अंतिम अवसर प्रदान करने के बाद जो विद्यालय अंकेक्षण के लिए लेखाभिलेख उपस्थापित कर अंकेक्षण नहीं करायेंगे, जिला शिक्षा अधीक्षक उनपर लेखाभिलेख प्रस्तुत नहीं करने और अंकेक्षण में सहयोग नहीं करने के आरोप में विधि सम्मत कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। साथ ही इसकी सूचना प्राधिकरण कार्यालय की अविलंब देंगे।
सीए एवं जिला शिक्षा अधीक्षकों को अंकेक्षण कार्य पूर्ण कराने के लिए 30 दिनों का समय दिया गया।