मिनिएचर आर्ट के लिए ‘इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड’ में दर्ज कराया अपना नाम

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राजस्थान। राज्‍य की जोधपुर की यशस्वी सोनी का नाम मिनिएचर आर्ट के लिए ‘इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड’ में दर्ज किया गया है। इससे पहले भी वह कई रिकॉर्ड अपने नाम कर चुकी है।

यशस्वी ने बताया कि उसे 7 साल की उम्र में मिनिएचर आर्ट  के प्रति रूझान आया। उसे छोटी चीज पर उम्मेद भवन बनाने में 30-40 मिनट लगते हैं। उसे इसी क्षेत्र में आगे बढ़ना है। यशस्वी ने इस बार मिनिएचर आर्ट में अलग-अलग ऑब्जेक्ट पर जोधपुर के विश्व प्रसिद्ध उम्मेद भवन को उकेर कर यह उपलब्धि हासिल की है। लगातार दूसरे साल यशस्वी को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में जगह मिली है।

इससे पहले यशस्वी में 2020 में 10 साल तक बिना कोई छुट्टी लिए लगातार स्कूल जाने पर रिकॉर्ड अपने नाम किया था। यशस्वी वर्तमान में नेशनल स्कूल ऑफ जोरहाट डिजाइनिंग इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के जोरहाट (असम) की छात्रा है।

लॉकडाउन के चलते यशस्वी घर पर है। इस दौरान ही उसने मिनिएचर आर्ट करने की सोची। उसने विश्व प्रसिद्ध हेरिटेज साइट उम्मेद भवन को अलग-अलग ऑब्जेक्ट पर बनाया।

यशस्वी ने सेव, बादाम, राजमा, मेडिसिन टैबलेट, टी शर्ट, चावल, नाखून, पेंट ब्रश सहित 12 ऑब्जेक्ट्स पर उमेद भवन बनाया।

यशस्वी के जुनून में उसका परिवार भी उसका सहयोग करता है। उसके पिता महेश सोनी ज्वेलरी का काम करते हैं। जबकि माता नीता गृहणी है। वे हमेशा अपने बेटी को प्रोत्साहित करते हैं।

उनका कहना है कि मुझे अपनी बेटी की सफलता पर गर्व है। मैं चाहती हूं कि यह हमेशा ही कुछ अलग करे। कुछ अलग करने की ही वजह चलते वह आज घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर आसाम में नेशनल स्कूल ऑफ डिजाइनिंग में प्रवेश लेकर अध्ययन कर रही है।