OMG अचानक टूटकर गिर गई घर की छत

झारखंड
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प्रशांत अंबष्‍ठ

बोकारो। ओह माई गॉड। जी हां, जिसने भी यह खबर सुनी, सभी के मुंह से यही शब्‍द निकले। अचानक दो लोगों के घर की छत टूटकर गिर गई। यह हादसा झारखंड के बोकारो जिले की दो अलग-अलग पंचायतों में हुआ।

सारा समान भीतर दब गया

तेनुघाट की चांपी पंचायत निवासी किशुन महतो (70) के घर की छत अचानक बीते रात गिर गई। इसमें पत्नी पार्वती देवी, पोती मनीषा कुमारी एवं रवि कुमार बाल बाल बच गए। उन्‍होंने बताया कि सभी लोगों की जान बच गई। हालांकि घर में रखे करीब दो किवंटल चावल, आलू, प्याज और बहुत सारे बर्तन सहित कपड़ा, बिछावन सब अंदर में दब गया। घर में अनाज का एक दाना भी नहीं बचा।

महतो ने बताया परिवार में 12 सदस्य हैं। खेतीबाड़ी, मजदूरी कर जीविकोपार्जन करते हैं। इस घटना के बाद वह खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं। चापी मुखिया श्रीराम हेंब्रम ने बताया कि उनकी हर संभव मदद की जाएगी। पेटरवार प्रखंड विकास पदाधिकारी शैलेंद्र कुमार चौरसिया ने कहा आवेदन आने पर जांच कराकर सरकारी प्रावधान के तहत मदद की जाएगी।

गंभीर रूप से घायल हो गये

गोमिया प्रखंड के प्रखंड क्षेत्र की होसिर पश्चिमी पंचायत के मियांबांध वार्ड नंबर 10 के कन्हैया करमाली के घर की छत टूट कर गिर गई। इस हादसे में उनका पुत्र बंधन करमाली जख्‍मी हो गया। दूसरे पुत्र के माथे पर गंभीर चोट लगी है। तीसरा पुत्र और मां भुजिया देवी बाल-बाल बचे। भीजिया देवी ने बताया कि इससे पूर्व में एक बार छत गिर चुकी है। उससे भी बाल-बाल बच गये थे। किसी ने सहायता नहीं की। बीती रात दूसरी बार घटना घटी।

भुजिया ने बताया कि मकान मेरे ससुर ने लगभग 70 पहले बनाया था। पूरा परिवार उसी में रह रहे है। कहीं और रहने की व्‍यवस्‍था नहीं है। बरसात में भी काफी दिक्‍कत होती है। मेरी उम्र 64 वर्ष हो गई है। पति गुजर गये, पर विधवा पेंशन नहीं मिली। प्रधानमंत्री आवास का लाभ भी अब तक नहीं मिला है। भुक्तभोगी परिवारों ने सरकार से अतिशीघ्र प्रधानमंत्री आवास निर्माण कराने की मांग की है।